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    शहनाई की जगह माैत की चीत्कारः जिस घर से निकलनी थी डाेली, शादी से 5 दिन पहले निकली अर्थी

    By Vipin KumarEdited By:
    Updated: Wed, 20 Apr 2022 09:43 PM (IST)

    ताजपुर रोड पर हुई आगजनी के बीच बच्चों समेत सात लोग जिंदा नहीं जले हैं बल्कि उनकी खुशियां भी राख हो गई हैं। जिस आंगन में पांच दिन बाद शादी की शहनाइयां बजनी थीं आज वहां पर चीख पुकार और राख ही थी।

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    बच्चों समेत सात लोग जिंदा जले। (जागरण)

    लुधियाना, [अश्वनी पाहवा]। ताजपुर रोड पर हुई आगजनी की घटना के बीच बच्चों समेत सात लोग जिंदा नहीं जले हैं, बल्कि उनकी खुशियां भी राख हो गई हैं। जिस आंगन में पांच दिन बाद शादी की शहनाइयां बजनी थीं आज वहां पर चीख पुकार और राख ही थी। 12 बाय 12 फीट की इस झुग्गी में पिता सुरेश साहनी और मां रोना देवी ने सबसे बड़ी बेटी राखी और बेटे राजेश कुमार की शादी के सपने संजोए थे। दोनों की हैबोवाल में रहते परिवार में शादी होनी थी। इसके लिए सब तय कर लिया गया था। मगर होनी को कुछ और ही मंजूर था। राजेश चचेरे भाई ने बताया कि राखी की शादी 25 अप्रैल को और राजेश कुमार की शादी डेढ़ माह बाद होनी थी।

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    इसके लिए वह पैसे आदि भी इकट्ठा कर रहे थे और इसी को बचाने के लिए वह मौत के मुंह में चले गए। गनीमत यह रही कि परिवार का एक सदस्य जीवित बच गया। 16 वर्षीय राजेश रात काे खाना खाने के बाद अपने दोस्त के घर सोने के लिए चला गया था। घटना के बाद  राजेश मंजर देख दंग रह गया। उसे यकीन ही नहीं हाे रहा था कि एक ही रात में परिवार माैत की आगाेश में समा गया। सभी के शव एक दूसरे के साथ चिपके पड़े थे।

    11 सालों से परिवार के साथ रह रहा है राजेश

    राजेश के मुताबिक आगजनी में उसके माता-पिता,  4 बहनें और एक भाई की माैत हाे गई। घटना के समय वह झुग्गी में ना होने के चलते ही उसकी जान बची। देर रात जब दोस्त ने घटना की जानकारी दी ताे बह घबरा गया। मौके पर पहुंच कर देखा कि आग के शाेले भड़क रहे थे। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप ले लिया और उसका परिवार जलकर राख हो गया। लकड़ी का काम करने वाला राजेश परिवार में सबसे बड़ा है। वह पिछले 11 सालों से परिवार के साथ घटनास्थल वाली जगह पर ही रहते थे।

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