भगवंत मान के 'जूता प्रहरी' वाली वायरल चिट्ठी झूठी, SSP ने कहा- 'CM का गुरुद्वारा जाने का नहीं था कार्यकर्म'
सोशल मीडिया पर वायरल एक पत्र में दावा किया गया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के गुरुद्वारा श्री दरबार साहिब में माथा टेकने के दौरान उनके जूतों की निगरानी के लिए दो पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई। केंद्रीय मंत्री रवनीत बिट्टू ने भी इस पर तंज कसा। एसएसपी अखिल चौधरी ने इस खबर को गलत बताया और कहा कि मुख्यमंत्री का गुरुद्वारा जाने का कोई कार्यक्रम नहीं था, न ही किसी की ड्यूटी जूतों की निगरानी के लिए लगाई गई थी।

वायरल पत्र में दावा किया गया कि CM मान के गुरुद्वारा दौरे के दौरान उनके जूतों की निगरानी के लिए दो पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई (फाइल फोटो)
जागरण संवाददाता, श्री मुक्तसर साहिब। मुक्तसर के ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्री दरबार साहिब में माथा टेकने के दौरान मुख्यमंत्री भगवंत मान के जूतों की निगरानी पर दो पुलिस कर्मचारियों की ड्यूटी लगाने का एक पत्र इंटरनेट मीडिया पर रविवार से वायरल हो रहा है।
इस पर केंद्रीय रेल राज्य मंत्री रवनीत बिट्टू ने भी अपनी फेसबुक आइडी पर पोस्ट करके तंज कसा है। यह मामला राजनीतिक गलियारों व आम लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है।
हालांकि मुख्यमंत्री रविवार को मुक्तसर फेरी के दौरान गुरुद्वारा साहिब में माथा टेकने नहीं गए। लेकिन इसको लेकर एक चर्चा छिड़ गई है। इंटरनेट मीडिया पर लोग तरह तरह के व्यंग मुख्यमंत्री पर कस रहे हैं।
उधर, एसएसपी डा. अखिल चौधरी ने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान का रविवार को केवल सीवरेज और जल आपूर्ति प्रोजेक्ट्स के कार्य की शुरुआत करवाने का ही कार्यक्रम था। इसके अलावा और कहीं भी जाने का किसी तरह का कार्यक्रम नहीं था।
लेकिन इंटरनेट मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है जिसमें लिखा गया है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान का गुरुद्वारा साहिब में माथा टेकने जाना था और उनके जूतों की निगरानी में दो कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है।
ऐसा कोई मामला नहीं है। किसी कर्मचारी की जूतों की निगरानी के लिए ड्यूटी नहीं लगाई गई और न ही मुख्यमंत्री का गुरुद्वारा साहिब में जाने का कोई शेड्यूल में शामिल था। इंटरनेट मीडिया पर चल रही खबर गलत है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।