Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    नवांशहर में बेमौसमी भारी बारिश से किसानों को झटका, 55 हजार हेक्टेयर धान की फसल बर्बाद

    Updated: Tue, 07 Oct 2025 02:55 PM (IST)

    नवांशहर में लगातार हुई बारिश से किसानों को भारी नुकसान हुआ है। दस घंटे तक हुई वर्षा ने धान की कटाई और खरीद को प्रभावित किया है। लगभग 55 हजार हेक्टेयर में धान की फसल को नुकसान पहुंचा है जिससे किसानों को मंडियों में फसल बेचने में परेशानी हो रही है। नमी की मात्रा बढ़ने से किसानों को मौसम साफ होने का इंतजार है।

    Hero Image
    बेमौसमी बरसात से जिले में 55 हजार हेक्टेयर धान की फसल को नुकसान (फाइल फोटो)

    महेंद्र घणघस, नवांशहर। मंगलवार अल सुबह से आरंभ हुई वर्षा दोपहर दो बजे तक थम-थम कर होती रही। हालांकि तीन दिन से जिले में वर्षा हो रही है पर बुधवार को हुई 10 एमएम वर्षा से धान की फसल को नुकसान हुआ है। अब तीन-चार दिन तक धान की कटाई भी नहीं हो सकेगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जिसके चलते मंडियों में धान की आवक प्रभावित होना स्वाभाविक है। इस बेमौसमी वर्षा से जिले में 55 हजार हेक्टेयर में धान की फसल को नुकसान हुआ है। नुकसान कितना हुआ है इसका अंदाजा फसल की कटाई के बाद ही लगाया जा सकेगा।

    तीन दिन से मौसम के बिगडे मिजाज ने किसानों को परेशानी में डाल दिया है। रविवार को भी जिले में हलकी वर्षा हुई जिसके बाद सोमवार को भी वर्षा हुई जिससे धान की फसल को कोई ज्यादा नुकसान नहीं हुआ था पर मंगलवार को सुबह चार बजे से लेकर दोपहर दो बजे तक 10 घंटे तक तेज हवाओं के साथ हुई वर्षा से फसलों को काफी नुकसान होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।

    कृषि के जानकारों के अनुसार इस वर्षा से पकी हुई धान की फसल को नुकसान हुआ है। जिले में करीब 55 हजार हेक्टेयर में अभी धान की कटाई नहीं हुई है। इस वर्षा से धान की फसल में नमी की मात्रा बढ़ जाएगी जिसके चलते किसानों को फसल बेचने में परेशानी का सामना करना पड़ेगा क्योंकि एजेंसियों के पैरामीटर के अनुसार 17 प्रतिशत से अधिक धान में नमी की मात्रा नहीं होनी चाहिए। वर्षा के कारण मंडियों में दो दिन से खरीद पर मौसम का ग्रहण लगा हुआ है। अब देखना यह है कि बुधवार को खरीद शुरू हो पाती है या नहीं।

    जिला कृषि अधिकारी राकेश कुमार ने बताया कि पकी हुई फसल पर वर्षा होने से नुकसान के सिवाय और कुछ नहीं होता। अब तक मौसम साफ होने का इंतजार करना ही किसानों के पास एक विकल्प है। उसके बाद ही मशीनें चल पाएंगे और कटाई का काम शुरू हो सकेगा। वर्षा से नुकसान हुआ है पर कितना हुआ है ये अभी कहा नहीं जा सकता।

    हालांकि जिले की मंडियों में अब तक 31 हजार मीट्रिक टन धान की खरीद हो चुकी है पर उसके बाद भी आवक हुई है। यह आंकड़ा सोमवार देर शाम तक का है। जितनी फसल की खरीद नहीं हुई है उसमें भी बरसाती मौसम के चलते नमी की मात्रा बढ़ जाएगी। जिसे सुखाने के लिए किसानों काे धूप निकलने का इंतजार करना होगा।