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    Punjab News: किसानों को पराली जलाने से नहीं रोका, अब 65 अधिकारियों पर गिरी गाज

    Updated: Tue, 07 Oct 2025 08:24 AM (IST)

    पराली जलाने की घटनाओं पर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद भी अधिकारियों की लापरवाही सामने आई है। राज्य सरकार ने 65 अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है जिनमें 60 पटियाला और 5 अमृतसर से हैं। इन अधिकारियों को पराली जलाने से रोकने की जिम्मेदारी दी गई थी लेकिन उन्होंने लापरवाही बरती। सरकार ने नोडल अधिकारी नियुक्त किए हैं पर कई अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे हैं।

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    किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए खेतों में गए ही नहीं अधिकारी, 65 को नोटिस। फाइल फोटो

    गौरव सूद, पटियाला। पराली जलाने की घटनाओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट के सख्त रुख के बावजूद अधिकारियों की लापरवाही की घटनाएं सामने आ रही हैं। राज्य सरकार ने 65 अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं जिन पर ड्यूटी में लापरवाही बरतने का आरोप है। इनमें से 60 अधिकारी पटियाला जिले के हैं जबकि 5 अधिकारी अमृतसर से संबंधित हैं।

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    15 सिंतबर को धान की कटाई के बाद किसानों ने पराली जलानी शुरू की थी, तब इन इन अधिकारियों को किसानों को पराली जलाने से रोकने की ड्यूटी सौंपी गई थी पर ये अधिकारी पराली जलाने से रोकने के लिए खेतों में गए ही नहीं।

    सरकार ने ब्लॉक, क्लस्टर व जिला स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त किए हुए हैं जिन्हें खेतों में जाकर किसानों को पराली न जलाने के लिए प्रेरित करने और नियमों का अनुपालन सुनिश्चित कराने की जिम्मेदारी दी गई है, लेकिन रिपोर्ट के अनुसार, कई अधिकारी इस जिम्मेदारी से भाग रहे हैं जिसके चलते उनसे जवाबतलबी की गई है।

    इन अधिकारियों को चेतावनी दी गई है कि यदि भविष्य में ऐसी लापरवाही दोहराई गई तो सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। पिछले वर्ष भी लगभग 70 अधिकारियों व कर्मचारियों से जवाबतलबी की गई थी जिनमें से कई को फील्ड ड्यूटी से हटाकर प्रशासनिक जिम्मेदारियां सौंपी गई थीं।

    राज्य में गत छह दिन से पराली जलाने का कोई मामला सामने नहीं आया है। वर्षा व बाढ़ के कारण माझा क्षेत्र में धान की कटाई में देरी से पराली जलाने की घटनाएं पिछले कुछ दिनों से शून्य रही हैं। पंजाब में इस वर्ष अब तक पराली जलाने के 95 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से सबसे अधिक 55 मामले अमृतसर जिले में दर्ज किए गए हैं।

    पिछले वर्ष इसी अवधि में 179 मामले सामने आए थे। राज्यभर में पिछले वर्ष पराली जलाने के कुल 10,909 मामले दर्ज हुए थे जिनमें सबसे अधिक 1,725 घटनाएं संगरूर जिले से थीं। पंजाब सरकार ने पराली जलाने से रोकने के लिए लगभग 8,000 कर्मियों की विशेष पराली प्रोटेक्शन फोर्स गठित की है।