बेटे के शव को दफनाने लिए नहीं थे पैसे, पिता ने प्लास्टिक की थैली में डालकर कूड़ेदान में फेंका; पुलिस ने खोला तो...
पटियाला के सरकारी अस्पताल में बच्चे का सिर मिलने पर पुलिस ने पिता को गिरफ्तार किया। आरोपी ने बताया कि नवजात मृत पैदा हुआ था और अंतिम संस्कार के पैसे नहीं थे इसलिए कूड़ेदान में फेंक दिया। स्वास्थ्य मंत्री ने जांच के आदेश दिए और अस्पतालों में पालने लगाने की बात कही ताकि लोग बच्चों को वहां छोड़ सकें।

जागरण संवाददाता, पटियाला। सरकारी राजिंदरा अस्पताल में बच्चे का सिर मिलने के मामले में पुलिस बच्चे के पिता को गिरफ्तार कर लिया है।
फिलहाल आरोपित की पहचान पहचान गिरधारी लाल के रूप में हुई है, जिससे पूछताछ शुरू कर दी गई है। आरोपित ने बताया कि उसके पहले से एक बेटा व एक बेटी है और अब तीसरा बेटा मृत पैदा हुआ था।
जिस वजह से उसने बेटे को दफनाने का पैसा न होने पर प्लास्टिक थैली में डाल वार्ड के बाहर कूड़ेदान में फेंक दिया था।
उधर सेहत मंत्री डा. बलबीर सिंह ने कहा कि पुलिस इस मामले में जांच कर रही है, अभी बच्चे की फोरेंसिक जांच व डीएनए संबंधी कार्यवाही की जाएगी।
पूरा मामला तकनीकी व साइंटीफिक तरीके से पड़ताल किया जा रहा है, हो सकता है कि यह बलि का मामला भी हो।
टीमें बनाकर शव की तलाश की जा रही
बुधवार को एसएसपी वरुण शर्मा ने बताया कि मंगलवार शाम सरकारी राजिंदरा अस्पताल में बच्चे का सिर मिलने की जांच के दौरान यह बात सामने आई है कि बच्चे का जन्म मंगलवार को ही हुआ था और उसके बाद शव को उसके पिता ने ही कूड़ेदान में फेंका था।
उन्होंने कहा कि बच्चे का सिर के अलावा बाकी हिस्सा तलाशने के लिए पुलिस टीमें लगातार अस्पताल के बायोमेडिकल वेस्ट वाले एरिया में तलाश में जुटी है, जल्द ही पूरा मामला क्लियर हो जाएगा।
सरकारी अस्पतालों में पालने लगाए जाएंगे
स्वास्थ्य मंत्री डा. बलबीर सिंह ने कहा कि ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं को रोकने के लिए पंजाब के सरकारी अस्पतालों में पालने लगाए जाएंगे ताकि जो लोग बच्चों की देखभाल नहीं कर सकते या शव का अंतिम संस्कार नहीं कर सकते , वे उन्हें पालने में रख सकें ।
मंत्री ने कहा कि अस्पताल प्रशासन शव के इलाज , देखभाल या अंतिम संस्कार का काम खुद करेगा । एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अस्पताल के रिकॉर्ड के मुताबिक , शव परिवार को सौंप दिया गया है , लेकिन पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि बच्चे के पिता ने शव कहां और क्यों फेंका।
उन्होंने यह भी कहा कि बच्चे की असली पहचान मुश्किल है, बच्चे के अन्य अंग नहीं मिले हैं और फोरेंसिक जांच भी की जा रही है । एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि इस मामले को बलि के तौर पर देखा जा सकता है , पुलिस हर एंगल से जांच कर रही है ।
पशु प्रेमियों को अवारा कुत्तों को गोद लेना चाहिए: स्वास्थ्य मंत्री
पटियाला के सरकारी राजिंदरा अस्पताल पहुँचे स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार , सरकारी अस्पतालों में आवारा कुत्तों का इलाज और टीकाकरण किया जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अगर खुद को पशु प्रेमी कहने वाले लोग आगे आएँ , तो प्रशासन की ओर से अवारा कुत्तों को गोद लेने , उनका टीकाकरण और प्रशिक्षण आदि की व्यवस्था की जाएगी ।
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