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    पटियाला में गांव सुल्लर में 600 परिवारों पर मंडराया बेघर होने का खतरा, कोर्ट ने क्यों भेजा मकान खाली करने का नोटिस?

    Updated: Wed, 10 Sep 2025 05:33 PM (IST)

    पटियाला के गांव सुल्लर में पंचायत विभाग द्वारा 600 घरों को खाली करने के नोटिस जारी किए गए हैं जिससे गांव में हड़कंप मच गया है। विभाग का कहना है कि ये घर शामलाट जमीन पर बने हैं। निवासियों को कोर्ट में दस्तावेज पेश करने के लिए कहा गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि जब कॉलोनियां काटी जा रही थीं तब विभाग कहां था?

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    गांव सुल्लर के छह सौ घरों को घर खाली करने के निर्देश (प्रतीकात्मक फोटो)

    बलविंदरपाल सिंह, पटियाला। पटियाला के गांव सुल्लर के छह सौ घरों को कोर्ट ने नोटिस जारी कर घर खाली करने के निर्देश दिए हैं। यह नोटिस पंचायत विभाग के डिविजन डिप्टी डायरेक्टर की कोर्ट द्वारा जारी किए गए। पंचायत विभाग ने डिविजन डिप्टी डायरेक्टर की कोर्ट में पटीशन दायर की है।

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    विभाग ने पटीशन में कहा है कि गांव सुल्लर की, जिस जमीन पर घर बने हुए है, वह विभाग की शामलाट जमीन है। विभाग ने कोर्ट में पटीशन दायर कर जमीन खाली कराने की मांग की है। इस पर कोर्ट ने उक्त जमीन पर घर बनाने वालों को जमीन संबंधी दस्तावेज कोर्ट में प्रस्तुत किए जाने के लिए कहा है।

    ऐसे में कोर्ट के नोटिस मिलने पर गांव के लोगों में हड़कंप मचा हुआ है। लोगों द्वारा मामले को लेकर गांव की पंचायत तक पहुंच की जा रही है। मामले के संबंध में कोर्ट द्वारा एक बार सुनवाई की जा चुकी है। अब अगली सुनवाई 19 सितंबर को रखी गई है। उधर बीडीपीओ पटियाला सुखविंदर सिंह का कहना है कि विभाग की शामलाट जमीन है, को लेकर कोर्ट तक पहुंच की गई है।

    लोगों ने लाखों रूपए खर्च कर बनाए हैं अपने घर

    बता दें कि पंचायत विभाग ने जिस जमीन को शामलाट बताकर विभाग की जमीन बताया है, पर मौजूदा समय में लाखों रूपए के घर बने हुए है। विभाग के अनुसार सवा सौ बीघा शामलाट जमीन है।

    इस जमीन पर जमीन पर बीते करीब सात आठ वर्षों पहले कालोनाइजरों द्वारा तीन से चार कालोनियां काटकर लोगों को प्लाट सेल कर दिए थे, अब इस जमीन पर लोगों द्वारा लाखों रूपए खर्च कर अपने घर बना लिए गए है।

    लोगों का कहना है कि जब यहां कालोनियां काटी जा रही थीं, उस दौरान विभाग कहां था। उस समय क्यों कालोनाइजरों को रोका नहीं गया। अब विभाग को कई वर्ष बीत जाने के बाद इस जमीन की याद कैसे आ गई।

    विभाग पर बड़ी लापरवाही के आरोप

    इलाका निवासी सुरिंदर सिंह ने कहा कि सात साल पहले इलाके में प्लाट लिया था, तब विभागीय अधिकारी कहां थे, तब विभाग ने लोगों को क्यों जागरूक नहीं किया। इस मामले में सबसे बड़ी लापरवाही विभागीय अधिकारियों की है। अब जब लोगों ने जीवन भर की पूंजी लगाकर अपने घर बना लिए हैं तो विभागीय अधिकारी नींद से जाग उठे और लोगों को नोटिस जारी कर दिए गए।

    इलाका निवासी परमिंदर कौर ने कहा कि विभाग द्वारा लोगों को जानबूझकर परेशान किया जा रहा है। लंबा समय पहले यहां प्रापर्टी की खरीद की थी, अब इस जमीन को शामलाट जमीन बताया जा रहा है। प्रापर्टी से संबंधित दस्तावेज दिखाने के लिए कहा गया है। इलाके में कालोनियां कैसे कट गईं, उस समय विभाग कहां था।

    गांव की सरपंच जतिंदर कौर ने कहा ऐसे कैसे लोग अपने घर खाली कर दें। किसी भी व्यक्ति का नुक्सान नहीं होने दिया जाएगा। यहां लोगों ने लाखों खर्च कर अपने घर बनाए है।

    जब यहां कालोनियां कट रही थीं, उस दौरान विभाग ने क्यों कार्रवाई नही की।मामले को लेकर पंचायत की मीटिंग हो चुकी है और फैसला किया गया है कि लोगों को किसी प्रकार का नुक्सान नहीं होने दिया जाएगा। पंचायत लोगों के साथ खड़ी है।