Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जुर्माने और FIR के बावजूद पंजाब में एक दिन में रिकॉर्ड 283 खेत जले, पराली जलाने में तरनतारन बना नंबर वन

    Updated: Wed, 29 Oct 2025 09:47 PM (IST)

    पंजाब में बुधवार को इस सीजन की सबसे ज्यादा 283 पराली जलाने की घटनाएं हुईं, जो चिंताजनक है। हालांकि, पिछले साल के मुकाबले इस बार घटनाएं कम हैं। सबसे ज्यादा मामले तरनतारन में दर्ज हुए हैं। पराली जलाने पर जुर्माना और एफआईआर भी दर्ज की गई हैं।

    Hero Image

    बुधवार को पंजाब में इस सीजन की पराली जलाने की सबसे ज्यादा 283 घटनाएं हुईं (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, पटियाला। आज बुधवार को पंजाब में इस धान सीजन की सबसे ज्यादा पराली जली। बुधवार को राज्य में पराली जलाए जाने की 283 घटनाएं हुईं। इससे पहले बीते सोमवार को राज्य में 147 जगह पराली जलाई गई थी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आज की 283 घटनाओं को मिलाकर राज्य में मौजूदा धान सीजन में पराली जलाए जाने की कुल 1216 घटनाएं हो चुकी हैं। चूंकि अभी राज्य में धान की कटाई करीब 70 फीसदी ही हुई है तो ऐसे में अगले दस दिनों के भीतर पराली को जलाए जाने की घटनाओं में तेजी आने की आशंका है।

    अगर बीते एक सप्ताह पर नजर दौड़ाई जाए तो इस दरम्यान पराली जलाए जाने की घटनाएं काफी ज्यादा बढ़ी हैं। बीती 21 अक्टूबर से अब तक नौ दिनों में पराली जलाने के कुल 820 मामले सामने आए हैं।

    दूसरी ओर हालांकि इन दिनों पराली जलाए जाने की घटनाओं में चाहे तेजी आयी है लेकिन बीते वर्ष 2024 के मुकाबले इस बार पराली जलाए जाने की घटनाएं कम हैं। साल 2024 में 29 अक्टूबर तक राज्य में पराली जलाए जाने की कुल 2356 घटनाएं हुई थीं।

    इसी तरह साल 2023 में 29 अक्टूबर तक 5254 और साल 2022 में 29 अक्टूबर तक पराली जलाए जाने की 12,112 घटनाएं हुई थीं। इस साल अब तक पराली जलाने की 1216 घटनाओं में से सबसे ज्यादा 296 घटनाएं तरनतारन में हुई हैं।

    इसी तरह 173 घटनाओं के साथ अमृतसर दूसरे स्थान पर और 170 घटनाओं के साथ मुख्यमंत्री भगवंत मान का जिला संगरूर तीसरे स्थान पर है। पराली जलाए जाने पर इस बार अब तक जहां 24 लाख 25 हजार रुपए जुर्माना किया जा चुका है वहीं इसमें से 15 लाख 20 हजार रुपए जुर्माने की वसूली की जा चुकी है।

    इसी तरह पराली जलाने के संबंध में जहां कुल 376 एफआईआर दर्ज हुई हैं वहीं 432 मामलों में संबंधित किसानों के रेवेन्यु रिकार्ड में रेड एंट्रियां हो चुकी है।