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    बरसात में डूबीं उम्मीदें... संगरूर में बारिश से किसानों को हुआ भारी नुकसान

    Updated: Tue, 09 Sep 2025 03:06 PM (IST)

    संगरूर में भारी बारिश के कारण सब्जी उत्पादकों को भारी नुकसान हुआ है। सब्जियों की बेलें और पनीरी नष्ट होने से किसान परेशान हैं। कई किसानों को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। किसानों ने सरकार से आर्थिक मदद की गुहार लगाई है ताकि वे अपनी खेती को जारी रख सकें। जिले में रिकॉर्ड बारिश होने से धान की फसल को भी नुकसान पहुंचा है।

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    बारिश ने संगरूर के किसानों को किया बेहाल, लाखों का नुकसान।

    मनदीप कुमार, संगरूर। इलाके में हुई मूसलाधार बरसात की मार से धान की फसल के बेशक जैसे-जैसे बच जाने की संभावना है, लेकिन सब्जी काश्तकारों को भारी नुकसान झेलना पड़ा है। सब्जियों की बेल व पौधे लंबे समय तक पानी की मार को झेल नहीं पाए हैं, वहीं सब्जियों की पनीरी तैयार करने वाले काश्तकार भी पनीरी मरने से काफी मायूसी के दौर से गुजर रहे हैं।

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    पनीरी की बिजाई का समय भी गुजर गया है, जिससे काश्तकार दोबारा पनीरी भी तैयार नहीं कर पाएंगे। ऐसे में सब्जी काश्तकारों को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है, जिसकी भरपाई होती भी दिखाई नहीं दे रही है। उल्लेखनीय है कि जिला संगरूर में इस बार 1 अगस्त से अब तक रिकॉर्ड 455 एमएम बरसात हुई है। जिले में 16400 एकड़ फसल पानी से लबालब भरी है, जिससे यह फसल पानी से प्रभावित हो चुकी है।

    बेशक अभी धान की फसल के नुकसान का अंदाजा नहीं लग पाया है, लेकिन सब्जियों की काश्त करने वाले किसान बरसात से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। स्थानीय हरेड़ी रोड पर सब्जियों की काश्त व पनीरी तैयार करने वाले सुलतान थिंद ने बताया कि वह गोभी, पत्तागोभी, बैंगन, टिंडे, हरी मिर्च, शिमला मिर्च, टमाटर इत्यादि की पनीरी तैयार करता है। इसके अलावा गोभी, पत्ता गोभी, मिर्च की खेती करता है।

    जून के आखिरी सप्ताह में उक्त सब्जियों की पनीरी लगाई थी, सर्दी के सीजन के लिए बीजी गई पनीरी बरसात के पानी में डूब गई। कई दिन लगातार बरसात होने के कारण सारी पनीरी में पानी जमा रहा व कई दिन तक पानी न निकलने की वह से सारी पनीरी नष्ट हो गई। संगरूर के साथ लगते कई गांवों के किसान व सब्जी काश्तकारों को वह पनीरी सप्लाई करता है, लेकिन इस बार पनीरी नष्ट होने से सारा सीजन खराब हो गया है।

    उन्होंने कहा कि पनीरी तैयार करने के लिए शिमला मिर्च, टमाटर व मिर्च के बीज खरीदकर लाए गए थे, लेकिन यह खर्च भी व्यर्थ चला गया है। उनका बरसात की वजह से तीन-चार लाख रुपये का आर्थिक नुकसान हो गया है। वहीं, स्थानीय करतारपुरा निवासी नछत्तर सिंह सेखों ने बताया कि वह कद्दू, हरी मिर्च, झाड़ करेला, खीरा, देसी लद्दू, भिंडी की काश्त करता है। खेत में लगातार बरसात की वजह से पानी भर गया।

    पानी निकालने की काफी कोशिश करते रहे, लेकिन बरसात काफी होने के कारण इन सब्जियों की बेल खराब हो गई हैं। वह यह सब्जियां बेचकर ही अपने परिवार का गुजारा चलाता है, लेकिन सब्जियां खराब होने से उनका काफी आर्थिक नुकसान हो गया है। उन्होंने कहा कि सरकार धान की फसल के साथ-साथ फल व सब्जियों की काश्त करने वाले किसानों की भी आर्थिक मदद करनी चाहिए, ताकि काश्तकार बागवानी व सब्जियों की काश्त को आगे बढ़ा सकें।