राजस्थान में तीसरा डिफेंस कॉरिडोर बनाने की तैयारी, सेना ने राज्य सरकार को भेजा प्रस्ताव
राजस्थान में देश का तीसरा डिफेंस कॉरिडोर बनाने की योजना पर काम शुरू हो गया है। भारतीय सेना की सप्त शक्ति कमांड ने इस संबंध में राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा है। सेना का मानना है कि पाकिस्तान से सटी 1078 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा को ध्यान में रखते हुए यहां हथियारों की मरम्मत और निर्माण की सुविधाएं आवश्यक हैं।

जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान में देश का तीसरा डिफेंस कॉरिडोर बनाने की योजना पर काम शुरू हो गया है। भारतीय सेना की सप्त शक्ति कमांड ने इस संबंध में राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा है।
पाकिस्तान सीमा के पास हथियारों की मरम्मत की सुविधा
सेना का मानना है कि पाकिस्तान से सटी 1078 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा को ध्यान में रखते हुए यहां हथियारों की मरम्मत और निर्माण की सुविधाएं आवश्यक हैं।
वर्तमान में डिफेंस कॉरिडोर केवल उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में
वर्तमान में डिफेंस कॉरिडोर केवल उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में ही मौजूद हैं, जिसके कारण राजस्थान के सीमावर्ती क्षेत्रों में तैनात सैन्य बलों को हथियारों की मरम्मत के लिए दूर भेजना पड़ता है। इससे समय और संसाधन दोनों की बर्बादी होती है।
इसके अतिरिक्त, सेना ने सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले नागरिकों के लिए बंकरनुमा बेसमेंट वाले घरों के निर्माण हेतु अनुदान देने का आग्रह भी राज्य सरकार से किया है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ड्रोन हमलों जैसी घटनाओं ने यह स्पष्ट कर दिया है कि युद्ध की आशंका में सीमावर्ती आबादी भी खतरे में रहती है।
नाटो देशों के विशेषज्ञों ने अपने विचार साझा किए
आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंदर सिंह ने कहा कि सेना पूरी तरह सजग है। जयपुर में नेक्स्ट-जेनरेशन काम्बैट शेपिंग टुमारोज मिलिटरी टुडे नामक सेमिनार का आयोजन किया गया। इसमें नाटो देशों के विशेषज्ञों ने अपने विचार साझा किए। सेमिनार में वैश्विक दृष्टिकोण और अनुभवों का समावेश किया गया, साथ ही एआइ पर भी चर्चा हुई।
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