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    Aja Ekadashi 2024: भाद्रपद माह में कब है अजा एकादशी, जानें पूजा टाइम और अन्य जरूरी बातें

    Updated: Thu, 29 Aug 2024 11:52 AM (IST)

    भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को अजा एकादशी के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करने से जन्म-जन्मांतर में किए गए सारे पाप कट जाते हैं। साथ ही जीवन में खुशियों का आगमन होता है। इस लेख में हम आपको बताएंगे अजा एकादशी (Aja Ekadashi 2024 Date) व्रत से जुड़ी महत्वपूर्ण बातों के बारे में।

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    Lord Vishnu: अजा एकादशी व्रत से होती है शुभ फल की प्राप्ति

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सभी तिथियों में एकादशी व्रत को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह तिथि भगवान विष्णु और धन की देवी मां लक्ष्मी को समर्पित है। भाद्रपद माह की पहली एकादशी को अजा एकादशी के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि अजा एकादशी पर श्रीहरि की उपासना करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और सभी पापों का नाश होता है। आइए जानते हैं भाद्रपद माह में पड़ने वाली अजा एकादशी की डेट, शुभ मुहूर्त और व्रत नियम के बारे में।  

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    अजा एकादशी 2024 शुभ मुहूर्त (Aja Ekadashi Puja Time)

    पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 29 अगस्त को देर रात 01 बजकर 19 मिनट पर हो गई है। इस तिथि का समापन 30 अगस्त को देर रात 01 बजकर 37 मिनट पर होगा। ऐसे में आज यानी 29 अगस्त को अजा एकादशी व्रत किया जा रहा है। वहीं, इस व्रत का पारण करने का शुभ मुहूर्त 30 अगस्त को सुबह 07 बजकर 49 मिनट से लेकर 08 बजकर 31 मिनट तक है। ऐसा माना जाता है कि एकादशी व्रत का पारण न करने से साधक शुभ फल की प्राप्ति से वंचित रहता है।  

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    अजा एकादशी व्रत के नियम (Aja Ekadashi Vrat Niyam)

    व्रत में करें इन चीजों का सेवन

    अगर आप अजा एकादशी व्रत को कर रहे हैं, तो व्रत के दौरान कुट्टू के आटे के पकोड़े, आलू साबूदाना और शकरकंद का सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा फलाहार में दूध, दही, और फल को शामिल किया जा सकता है। खाने बनाने में सेंधा नमक का ही प्रयोग करना चाहिए।

    न करें तुलसी से जुड़े ये काम

    एकादशी के दिन तुसली के पौधे में जल देना वर्जित है। इसके अलावा इस पौधे की पूजा-अर्चना भी नहीं करनी चाहिए। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन मां लक्ष्मी श्रीहरि के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। ऐसे में तुलसी में जल से देने से उनका व्रत खंडित होता है।

    इन चीजों का न करें सेवन

    सनातन शास्त्रों में एकादशी तिथि का विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन चावल का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए। साथ ही तामसिक चीजों के सेवन से दूर रहना चाहिए।  

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।