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    Aja Ekadashi Vrat Katha: सभी पापों से चाहते हैं छुटकारा, तो अजा एकादशी के दिन करें इस कथा का पाठ

    Updated: Tue, 19 Aug 2025 09:15 AM (IST)

    सनातन धर्म में भगवान विष्णु को समर्पित एकादशी (Aja Ekadashi 2025) तिथि का विशेष महत्व है। इस दिन विधिपूर्वक श्रीहरि और धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करते हैं और व्रत कथा का पाठ करते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस व्रत को करने से साधक को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है और शुभ फल मिलता है।

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    Aja ekadashi 2025 Katha: अजा एकादशी पर जरूर करें इस कथा का पाठ

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, आज यानी 19 अगस्त (Aja Ekadashi 2025 Date) को अजा एकादशी व्रत किया जा रहा है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की उपासना करने का विधान है और अन्न-धन समेत आदि चीजों का दान किया जाता है।

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    धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस व्रत (Aja Ekadashi Katha) को विधिपूर्वक करने से भगवान विष्णु साधक की सभी मुरादें पूरी करते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन पूजा के दौरान व्रत का कथा का पाठ न करने से पूजा अधूरी मानी जाती। ऐसे में इस दिन व्रत का पाठ का जरूर करें। आइए पढ़ते हैं कथा।

    अजा एकादशी व्रत कथा (Aja Ekadashi Katha in Hindi)

    पौराणिक कथा के अनुसार, राजा हरिश्चंद्र बेहद सत्यवादी थे। एक बार उनके जीवन में ऐसा समय आया, जब सारा राजपाट चौपट हो गया। बुरी परिस्थिति में पत्नी, पुत्र दूर हो गए। इसके बाद वह एक चांडाल बनाकर अपना जीवन यापन करने लगे। एक बार राजा हरिश्चंद्र बेहद उदास बैठे थे। तभी वहां से गौतम ऋषि गुजर रहे थे। उन्होंने राजा हरिश्चंद्र को देख उनकी उदासी का कारण पूछा।

    तब राजा ने अपनी बातें गौतम ऋषि को बताई। ऐसे में गौतम ऋषि ने राजा हरिश्चंद्र को भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अजा एकादशी व्रत करने की सलाह दी। इसके बाद राजा हरिश्चंद्र ने विधिपूर्वक अजा एकादशी व्रत कर भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस व्रत को करने से राजा हरिश्चंद्र को सभी पापों से छुटकारा मिला और फिर से परिवार राज पाट सभी प्राप्त हो गए। मृत्यु के बाद उनको बैकुण्ठ की प्राप्ति हुई।

    अजा एकादशी के उपाय (Aja Ekadashi Upay)

    अजा एकादशी के दिन सुबह स्नान करने के बाद भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना करें। इसके बाद कथा का पाठ करें। फल और मिठाई का भोग लगाएं। भोग थाली में तुलसी के पत्ते जरूर शामिल करें। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस उपाय को करने से इस उपाय को करने से साधक को श्रीहरि की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में खुशियों का आगमन होता है।

    करें इन चीजों का दान

    इस दिन दान करने का विशेष महत्व है। पूजा करने के बाद मंदिर या गरीब लोगों में अन्न-धन समेत आदि चीजों का दान करें। ऐसा माना जाता है कि अजा एकादशी के दिन दान करने से धन लाभ के योग बनते हैं और जीवन में किसी भी चीज की कमी नहीं होती है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।