Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Kamika Ekadashi 2025: कामिका एकादशी पर जरूर ध्यान रखें तुलसी से जुड़े ये नियम, बढ़ेगी सुख-समृद्धि

    Updated: Fri, 18 Jul 2025 07:00 PM (IST)

    माना जाता है कि जिस घर में नियमित रूप से तुलसी जी की पूजा की जाती है वहां सदैव घर में सुख-शांति का वास बना रहता है। एकादशी के दिन तुलसी का महत्व और भी बढ़ जाता है क्योंकि तुलसी भगवान विष्णु को प्रिय है। ऐसे में आपको सावन की पहली एकादशी यानी कामिका एकादशी पर तुलसी से जुड़े कुछ नियमों का ध्यान जरूर रखें।

    Hero Image
    Kamika Ekadashi 2025 date (Picture Credit: Freepik)

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का खास महत्व माना गया है। इस बार सावन की पहली और भी खास होने वाली है, क्योंकि इस बार एकादशी पर सावन सोमवार का भी संयोग बन रहा है। इस साल कामिका एकादशी सोमवार 21 जुलाई को मनाई जाएगी। इस तिथि पर आपको तुलसी से से संबंधित इन बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए, ताकि प्रभु श्रीहरि जी की कृपा सदैव आपको ऊपर बनी रहे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    रखें इन बातों का ध्यान

    हिंदू मान्यताओं के अनुसार, एकादशी के दिन तुलसी में जल अर्पित नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही इस दिन पर तुलसी के पत्ते या स्पर्श करने से भी बचना चाहिए। क्योंकि ऐसा मान्यता है कि एकादशी के दिन देवी तुलसी निर्जला व्रत करती हैं। और इन सभी कार्यों को करने से उनके व्रत में बाधा पहुंचती है। इसके साथ ही तुलसी के आसपास साफ-सफाई का भी विशेष रूप से ध्यान रखें।

    (Picture Credit: Freepik) (AI Image)

    यह भी पढ़ें- Kamika Ekadashi पर श्री हरि को राशि अनुसार चढ़ाएं ये खास चीजें, धन और यश में होगी वृद्धि

    मिलेगी मां लक्ष्मी की कृपा

    एकादशी के दिन तुलसी पूजन भी बहुत शुभ माना जाता है। बस इस बात का ध्यान रखें कि तुलसी को स्पर्श नहीं करना है। इस दिन पर सूर्यास्त के समय तुलसी के पास घी का दीपक जरूर जलाएं। इसके साथ ही तुलसी की 7 बार परिक्रमा करें और महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी, आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते।। मंत्र का जप करें। अंत में मां तुलसी की आरती करें। इससे साधक पर मां लक्ष्मी की कृपा भी बनी रहती है। 

    जरूर करें ये काम

    एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा के दौरान में उनके भोग में तुलसी पत्र जरूर अर्पित करें। तुलसी के बिना प्रभु श्रीहरि का भोग अधूरा माना जाता है। लेकिन साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते नहीं उतारे जाते। ऐसे में आप एक दिन पहले ही तुलसी के पत्ते उतारकर रख सकते हैं।

    यह भी पढ़ें- Kamika Ekadashi 2025: सावन माह की पहली एकादशी पर इन स्थानों में जलाएं दीपक, जाग उठेगा सोया हुआ भाग्य

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।