Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Sawan 2025: कौशांबी का प्राचीन सनातन धर्म मंदिर जहां पूरी होती है हर मनोकामना, जानिए महत्व

    कौशांबी मेट्रो स्टेशन के पास स्थित प्राचीन सनातन धर्म मंदिर में भगवान शिव दुर्गा काली माता राम दरबार विष्णु-लक्ष्मी और सरस्वती सहित कई देवी-देवताओं की मूर्तियां हैं। तीन दशक पहले मंदिर के अवशेष मिले थे और 2003 में इसका निर्माण हुआ तो आइए इससे जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं जो इस प्रकार हैं।

    By Jagran News Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sun, 20 Jul 2025 10:40 AM (IST)
    Hero Image
    Sawan 2025: इस प्राचीन मंदिर में रोजाना लगती है भक्तों की भारी भीड़।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। कौशांबी मेट्रो स्टेशन से दिल्ली की ओर बढ़ने पर बाईं तरफ सेंट्रल पार्क है। इस पार्क के किनारे प्राचीन सनातन धर्म मंदिर है। यहां भगवान शिव के दरबार के साथ मां दुर्गा काली माता, राम दरबार, भगवान विष्णु-माता लक्ष्मी, मां सरस्वती समेत अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित हैं। श्रावण माह में रोजाना बड़ी संख्या में श्रद्धालु जलाभिषेक करने आते हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मंदिर का इतिहास

    कौशांबी का यह मंदिर दिल्ली से सटा हुआ है। तीन दशक पूर्व सेंट्रल पार्क के कोने में मंदिर के अवशेष प्राप्त हुए थे। वर्ष 2003 में मंदिर का निर्माण कराया गया। प्राचीन सनातन धर्म मंदिर नाम दिया गया। इस मंदिर से इस्कान समेत विभिन्न संस्थाएं जुड़ी हैं। पंडित राजेंद्र प्रसाद पांडेय देखरेख कर रहे हैं।

    मंदिर की विशेषता

    पंडित राजेंद्र प्रसाद पांडेय का कहना है इस मंदिर में पूजा करने से मनोकामना पूरी होती है। मंदिर में सभी देवी-देवताओं की पूजा होती है। सावन में नियमित यहां पर बड़ी संख्या में लोग भगवान शिव के दर्शन के लिए आते हैं। यहां पर महिला मंडली भजन-कीर्तन का आयोजन करतीं हैं। शाम को आरती की जाती है।

    मंदिर से जुड़ी जानकारी

    सावन माह में नियमित बड़ी जलाभिषेक करने को आते हैं। दिन में कौशांबी की महिलाएं भजन कीर्तन करती हैं। फिर प्रसाद बांटा जाता है। महाशिवरात्रि पर खूब भीड़ रहती है।- पंडित राजेंद्र प्रसाद पांडेय, प्रधान पुजारी, प्राचीन सनातन धर्म मंदिर

    प्राचीन सनातन धर्म मंदिर में अक्सर मैं परिवार के साथ पूजा-पाठ के लिए आता हूं। पार्क की हरियाली के बीच मंदिर में पहुंचकर मन - को शांति मिलती है। सावन के दिनों में मैं रोजना जलाभिषेक करने व पूजा करने के लिए आता हूं। - सुनील गांधी, भक्त

    यह भी पढ़ें:  Sawan 2025: शिवत्त्व को जानने का विशेष अवसर है श्रावण मास