इस जगह पर ब्रह्मा जी ने किया था यज्ञ, जानें क्या है Brahma Temple की खासियत
राजस्थान में ऐसे में कई मंदिर हैं जो किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित हैं। पूरे भारत में ब्रह्मा जी का एक ऐसा मंदिर है जो राजस्थान जिले के पुष्कर में है। यह मंदिर (Brahma Ji Temple) में पुष्कर झील के पास स्थित है। ऐसे में आइए जानते हैं कि इस मंदिर से जुड़े रहस्य के बारे में।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। धार्मिक मान्यता के अनुसार, सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा जी को माना जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार, जगत के पालनहार भगवान विष्णु की नाभि से ब्रह्मा जी की उत्पत्ति हुई थी। सनातन धर्म में ब्रह्मा जी की पूजा-अर्चना करने का विशेष महत्व है। भारत में ब्रह्मा जी का एकमात्र मंदिर है, जिसे ब्रह्मा मंदिर (Brahma Temple) के नाम से जाना जाता है।
यह मंदिर राजस्थान जिले के पुष्कर झील के पास स्थित है। पौराणिक कथा के अनुसार, ब्रह्मा जी ने इस जगह को यज्ञ करने के लिए चुना था। ऐसे में चलिए जानते हैं इस मंदिर के बारे में विस्तार से।
क्या है मंदिर की खासियत
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पुष्कर में अधिक संख्या में मंदिर हैं, लेकिन ब्रह्मा जी को समर्पित यह मंदिर बेहद महत्वपूर्ण है। इस मंदिर में ब्रह्मा जी की चतुर्मुखी प्रतिमा विराजमान है। मंदिर की खास बात यह है कि मंदिर में सूर्य भगवान प्रतिमा है। इस प्रतिमा में सूर्य देव ने जूते पहने हुए हैं। हर साल पुष्कर में एक मेले का आयोजन किया जाता है।
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कार्तिक पूर्णिमा के दिन एक खास उत्सव मनाया जाता है। इस अवसर पर मंदिर में देश-विदेश से श्रद्धालु ब्रह्मा जी के दर्शन करने के लिए दूर-दूर से आते हैं। कार्तिक पूर्णिमा के दिन मंदिर में बेहद खास रौनक देखने को मिलती है। यह मंदिर पुष्कर के धार्मिक स्थलों में शामिल है। मंदिर को बनाने के लिए संगमरमर के पत्थरों का प्रयोग किया गया है।
पद्म पुराण के अनुसार, मंदिर की जगह पर ब्रह्मा जी कई वर्षों तक रहे थे। इसी दौरान उन्होंने सृष्टि की रचना की थी। इस वजह से ब्रह्मा जी को सृष्टि के रचयिता कहा जाता है। इसके अलावा ब्रह्मा जी को वेदों के भी देवता माना जाता है।
जगह का नाम कैसे पड़ा पुष्कर
पद्म पुराण के अनुसार, एक वज्रनाश नाम का राक्षस था। उसने अधिक उत्पात मचा रखा था। ऐसे में ब्रह्मा जी ने उसका वध किया। वध के समय ब्रह्मा जी के हाथों से तेन जगहों पर 3 कमल गिर गए, जिससे उस जगह पर तीन झीलों का निर्माण हो गया। ऐसे में इस जगह का नाम पुष्कर पड़ गया।
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Source- Brahma Ji Temple
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