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    Mahakumbh 2025: लेटे हनुमान जी के दर्शन किए बिना अधूरा है महाकुंभ स्नान, क्या है इस मंदिर की मान्यता

    Updated: Fri, 24 Jan 2025 12:29 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ (Maha Kumbh 2025) जारी है। इस महाकुंभ में अधिक संख्या में साधु संत और श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। वहीं संगम किनारे में लेटे हनुमान जी (Lete Hanuman Temple) के दर्शन का लाभ उठा रहे हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार महाकुंभ में स्नान के बाद लेटे हनुमान जी के दर्शन करने से पूरा फल मिलता है।

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    Lete Hanuman Temple: कैसे पड़ा लेटे हनुमान मंदिर का नाम

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। पंचांग के अनुसार, महाकुंभ की शुरुआत 13 जनवरी से हुई है और इसका समापन अगले महीने यानी 26 फरवरी को है। इस दिन महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर महाकुंभ का आखिरी अमृत स्नान होगा। महाकुंभ में संगम के किनारे लेटे हनुमान जी मंदिर (temple legend) में बेहद खास रौनक देखने को मिल रही है। ऐसे में आइए जानते हैं कि लेटे हनुमान मंदिर (Hanuman temple) की मान्यता के बारे में।

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    अगर आप भी महाकुंभ जा रहे हैं, तो संगम में स्नान (Kumbh Snan) करने के बाद लेटे हनुमान जी के दर्शन जरूर करें। धार्मिक मान्यता के अनुसार, लेटे हनुमान जी के दर्शन न करने से संगम स्नान का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इतना प्रसिद्ध क्यों हैं लेटे हनुमान मंदिर (Lete Hanuman Mandir)? अगर नहीं पता, तो चलिए आपको बताएंगे इस मंदिर से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें।

    उत्तर प्रदेश के इलाहबाद में संगम के किनारे लेटे हनुमान मंदिर है। यह मंदिर बेहद प्रसिद्ध माना जाता है। इस मंदिर में हनुमान जी की प्रतिमा लेटी हुई मुद्रा में हैं। ऐसा बताया जाता है कि जब यहां पर बाढ़ आती है, तो मंदिर में पानी भर जाता है। तो हनुमान जी गंगा स्नान करते हैं।  

    यह दुनिया में एक ऐसा मंदिर है, जहां हनुमान जी की लेटी हुई प्रतिमा की पूजा-अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, संगम में स्नान का पूर्ण फल लेटे हनुमान जी के दर्शन करने के बाद ही मिलता है।  

    ऐसी मान्यता है कि लेटे हनुमान जी के दर्शन करने से सभी मुरादें पूरी होती हैं और जीवन में आ रहे दुख एवं संकट से छुटकारा मिलता है। लेटे हनुमान मंदिर में मंगलवार और शनिवार या फिर किसी पर्व के दिन बेहद खास भीड़ देखने को मिलती है। श्रद्धालु मनोकामनाएं पूरी होने के बाद हनुमान जी को झंडा निशान चढातें हैं। साथ ही बजरंगबली की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं।

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    कैसे पड़ा लेटे हनुमान मंदिर का नाम

    मंदिर के बारे में ऐसा बताया जाता है कि लंका पर विजय प्राप्त करने के बाद बजरंगबली लौट रहे थे, तो प्रभु को थकावट महसूस हुई, तो ऐसे में माता सीता के कहने पर बजरंगबली ने संगम के किनारे लेट गए। इसी वजह इस जगह पर लेटे हनुमान मंदिर बनवाया गया। इस मंदिर से जुड़ी खास बता दें कि मंदिर में गंगा जी प्रवेश करती हैं, तो गंगा के जल में हनुमान डूब जाते हैं।  

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।