Sawan 2025: इस मंदिर में महादेव की आस्था में उमड़ती है भीड़, प्राकृतिक रूप से स्थापित है शिवलिंग
सावन के पावन महीने में कांवड़ यात्रा का भी शुरुआत हो जाती है जिसका विशेष धार्मिक महत्व है। इस दौरान कांवड़िए हरिद्वार से गंगाजल लेकर आते हैं और सावन की मासिक शिवरात्र पर अपने पास के शिवालय में इस गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक करते हैं। आज हम एक ऐसे मंदिर के बारे में जानेंगे जिसका इतिहास हजार वर्ष से भी पुराना है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में सावन माह में महादेव की आराधना के विशेष महत्व माना गया है। सावन सोमवार के दिन शिव मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है। भारत के कौने-कौने में ऐसे मंदिर स्थित हैं, जो लोगों की आस्था का केंद्र बने हुए हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसमें सावन शुरू होते ही भक्तों का तांता लगना शुरू हो जाता है।
कहां स्थित है मंदिर
रबूपुरा क्षेत्र के गांव भाईपुर ब्राह्मन स्थित श्री नानकेश्वर महादेव शिव मंदिर में सावन के दिनों में माहौल भक्तिमय हो जाता है। सुबह लेकर शाम तक श्रद्धालुओं की जल व दुग्धाभिषेक को भीड़ उमड़ती है। शिवरात्रि के दिन लाखों शिवभक्त जलाभिषेक करने पहुंचते हैं। मंदिर का इतिहास एक हजार वर्ष से भी अधिक पुराना है। यमुना नदी के किनारे यमुना एक्सप्रेसवे के नजदीक 1984 में मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया था।
यह प्राचीनतम मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र है। यहां साल में दो बार कावड़ मेले आयोजन किया जाता है। यहां लाखों की संख्या में देश भर के शिवभक्त पहुंचते हैं। सोमवार के दिन यहां 12 महीने श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है। मंदिर परिसर 15 एकड़ में फैला हुआ है। जहां स्कूल और गौशाला संचालित किए जाते हैं।
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ऐसे पहुंचे मंदिर
पहली बार मंदिर को यमुना एक्सप्रेसवे से जोड़ा गया है। यमुना एक्सप्रेसवे फलैदा कट से मंदिर की दूरी दो किलोमीटर है। मंदिर पहुंचने के लिए हर समय वाहन सुविधा उपलब्ध रहती है।
मंदिर की विशेषताएं -
यहां शिवलिंग प्राकृतिक रूप से स्थापित है। मंदिर में महादेव सिर कटे नंदी के साथ विराजमान है। मान्यता है कि यहां सच्चे मन से भक्ति करने पर मनोकामना पूर्ण हो जाती है। यहां साल भर प्रत्येक सोमवार को भारी भीड़ रहती है। 20 जुलाई से यहां कांवड़ मेला शुरू होगा जो 23 जुलाई तक चलेगा।
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राजेंद्र प्रधान (अध्यक्ष मेला समिति) का कहना है कि अबकी बार भारी भीड़ आने की संभावना है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मंदिर को प्रशासन द्वारा यमुना एक्सप्रेसवे से जोड़ा गया है यहां से आवागमन सुलभ होगा। वहीं मंदिर के महंत आचार्य रामकुमार मिश्र बताते हैं कि श्रावण मास में पूरे मंदिर परिसर में शिव भक्तों का तांता लगा रहता है। जो भी यहां अपनी मन्नत लेकर पहुंचता है उसकी मनोकामना पूर्ण हो जाती है।
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