Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Sawan 2025: सावन में श्री बाला सुंदरी चतुर्भुजी देवी मंदिर का करें दर्शन, जीवन होगा सुखी

    दिल्ली के ठाकुरद्वारा चौराहे पर स्थित प्राचीन श्री बाला सुंदरी चतुर्भुजी देवी मंदिर में मां दुर्गा के बाल स्वरूप की पूजा होती है। मंदिर श्री दूधेश्वरनाथ मंदिर के समय का है जहां संतान प्राप्ति की मनोकामना पूर्ण होती है। यहां दुर्गा काली माता राधा-कृष्ण गणेश हनुमान बगलामुखी और श्रीराम परिवार सहित अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां हैं।

    By Jagran News Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sat, 19 Jul 2025 12:16 PM (IST)
    Hero Image
    Sawan 2025: श्री बाला सुंदरी चतुर्भुजी देवी मंदिर।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। ठाकुरद्वारा चौराहे से जीटी रोड से होते हुए दिल्ली गेट के सामने से यू-टर्न लेकर दायें हाथ पर प्राचीन श्री बाला सुंदरी चतुर्भुजी देवी मंदिर स्थापित है। इसमें मां दुर्गा के बाल स्वरूप के साथ शिव परिवार की मूर्ति है। मंदिर में मां दुर्गा, काली माता, श्रीराधा-कृष्ण, भगवान गणेश, हनुमान, मां बगलामुखी, श्रीराम परिवार संग अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मंदिर का इतिहास

    बताया जाता है कि प्राचीन श्री बाला सुंदरी चतुर्भुजी देवी मंदिर की स्थापना श्री दूधेश्वरनाथ मंदिर की स्थापना के समय ही हुई थी। मंदिर ज्यादा प्राचीन होने की वजह से स्थापना को लेकर किसी को स्पष्ट जानकारी नहीं है। यहां मां दुर्गा बाल स्वरूप के साथ अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित हैं।

    मंदिर की विशेषता

    मंदिर में मां दुर्गा बाल रूप में विराजमान हैं। मान्यता है कि यहां मां दर्शन के लिए आने वाले भक्तों की संतान प्राप्ति की मनोकामना पूरी होती है। इसके अलावा मंदिर में कई देवी-देवताओं की भी मूर्तियां भी स्थापित हैं। सभी त्योहारों पर देवी-देवताओं की विशेष पूजा-अर्चना होती है। शिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा-अर्चना एवं अभिषेक किया जाता है।

    मंदिर में शिवलिंग एवं शिव परिवार भी मूर्तियां स्थापित है। सावन में भगवान शिव की पूजा-अर्चना के लिए भक्त मंदिर आते हैं। सोमवार व शिवरात्रि पर विशेष पूजा-अर्चना होती है। - गिरिशानंद गिरि महाराज, महंत, प्राचीन श्री वाला सुंदरी चतुर्भुजी देवी मंदिर

    मंदिर में सावन के सोमवार व शिवरात्रि पर भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। शिव की पूजा-अर्चना के लिए यहां पर काफी भक्त आते हैं। वहीं सावन में भक्तों की यहां पर भारी भीड़ रहती है। पंडित लवकुश, पुजारी, प्राचीन श्री वाला। सुंदरी चतुर्भुजी देवी मंदिर

    यह भी पढ़ें: Sawan 2025: शिवत्त्व को जानने का विशेष अवसर है श्रावण मास