Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Jeen Mata Temple: बेहद प्रसिद्ध है राजस्थान का जीण माता मंदिर, जहां दर्शन करने से रोग होते हैं दूर

    Updated: Fri, 04 Apr 2025 01:29 PM (IST)

    चैत्र नवरात्र के त्योहार को मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए शुभ माना जाता है। इस पर्व का समापन चैत्र माह की नवमी तिथि पर होता है। इस दौरान भक्त मां दुर्गा की पूजा-अर्चना कर मंदिरों में दर्शन का लाभ उठाते हैं। राजस्थान में एक ऐसा मंदिर (Jeen Mata temple Rajsthan) है जिसका इतिहास मुगल काल से जुड़ा हुआ है। आइए जानते हैं मंदिर के बारे में विस्तार से।

    Hero Image
    Jeen Mata temple: जीण माता मंदिर से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। देश में ऐसे कई मंदिर हैं, जो किसी खास मान्यता की वजह से प्रसिद्ध हैं। इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं राजस्थान के जीण माता मंदिर (Jeen Mata temple Rajsthan) के बारे में, जहां मंदिर में लंबे समय से दीपक जल रहा है और इतिहास मुगल काल से जुड़ा हुआ है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कहां है जीण माता मंदिर

    जीण माता मंदिर राजस्थान के सीकर जिले में है। यह मंदिर जीण माता (Jeen Mata Temple) को समर्पित है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जीण माता मंदिर पहाड़ियों के बीच स्थित है। हर साल मंदिर में नवरात्र के दौरान अधिक संख्या में भक्त आते हैं और जीण माता की पूजा-अर्चना करते हैं और दर्शन का लाभ उठाते हैं।

    यह भी पढ़ें: Chaitra Navratri 2025: गया के भस्मकूट पर्वत पर सजा है मंगला गौरी का दरबार, दर्शन करने से होगा कल्याण

      

    कब और किसने बनवाया मंदिर?

    जीण माता मंदिर (Jeen Mata Temple History) को चौहान शासक ने 1200 साल पहले (आठवीं सदी) में बनवाया था। इस मंदिर का इतिहास बेहद पुराना है। इस मंदिर के पास में भैरवनाथ मंदिर भी है। ऐसा बताया जाता है कि जीण माताजी मंदिर के पट कभी बंद नहीं होते हैं और ग्रहण के दौरान जीण माताजी मंदिर में आरती समय पर होती है।

    क्या है मंदिर की विशेषता

    इस मंदिर में जीण माता की अष्टभुजी प्रतिमा स्थापित है। यहां पर चैत्र और शारदीय नवरात्र के दौरान मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमे अधिक संख्या में लोग शामिल होते हैं। इस मंदिर की दीवारों पर तांत्रिकों की मूर्तियां लगी हुई हैं और मंदिर के अंदर शिलालेख स्थापित हैं।    

    मंदिर की वास्तुकला

    इस मंदिर में राजपूतों चौहान वंशों की वास्तुकला देखने को मिलती है। यह मंदिर जंगलों से घिरा हुआ है। मंदिर के मंदिर के नीचे मंडप भी है, जिसे गुफा के नाम से जाना जाता है।

    महत्व और मान्यता

    धार्मिक मान्यता के अनुसार, जीण माता मंदिर में दर्शन करने से कुष्ठ रोग से छुटकारा मिलता है। मंदिर में भक्त देवी को स्वर्ण छत्र भी अर्पित करते हैं। मंदिर में चैत्र और शारदीय नवरात्र के दौरान बेहद खास रौनक देखने को मिलती है।  

    चैत्र नवरात्र की सम्पूर्ण जानकारी के लिए यहां क्लिक करें।

    मंदिर से जुड़ी कथा

    प्राचीन समय में औरंगजेब की सेना के द्वारा शेखावाटी मंदिरों को तोडना शुरू किया। ऐसे में लोगों ने जीण माता से मदद की गुहार लगाई। इसके बाद माता ने सेना पर मधुमक्खियों को छोड़ दिया, जिसकी वजह से सेना को वहां से भागना पड़ा। लोगों ने  जीण माता के चमत्कार को देखकर मंदिर में अखंड ज्योति जलाई। यह अखंड ज्योति मंदिर में आज भी जल रही है।

    यह भी पढ़ें: Chaitra Navratri 2025: काफी प्राचीन है मां मुंडेश्वरी का यह मंदिर, हैरान कर देती हैं इसकी मान्यताएं

    Source

    Jeen Mata Temple - https://devasthan.rajasthan.gov.in/images/Sikar/jeenmataji.htm

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।