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    Vidhata Mata Mandir: नवजात शिशु का भविष्य तय करती हैं विधाता माता, जानिए इनके बारे में

    Updated: Tue, 19 Aug 2025 02:10 PM (IST)

    घर में बच्चे का जन्म किसी उत्सव से कम नहीं होता। आज हम आपको एक ऐसी देवी के बारे में बताने जा रहे हैं कि जो जिन्हें लेकर यह मान्यता है कि वह शिशु का भाग्य तय करती हैं। महाकाल की नगरी उज्जैन में इन देवी का एक मंदिर भी स्थापित है। चलिए जानते हैं इस बारे में।

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    Vidhata Mata Ujjain जानिए विधाता माता के बारे में।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। आज हम बात कर रहे हैं विधाता माता के बारे में, जिन्हें अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग नामों से जाना जाता है जैसे बेमाता, भय माता, विधात्री देवी, छठी मैया या फिर षष्ठी माता के रूप में भी जाना जाता है। लोक मान्यताओं के अनुसार, बच्चे के जन्म के छठे दिन विधाता माता उनके भाग्य का लेखा-जोखा लिखती हैं।

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    यहां स्थित है मंदिर

    "महाकाल की नगरी" उज्जैन में विधाता देवी का एक प्रसिद्ध मंदिर स्थापित है। यह मंदिर पटनी बाजार के समीप मगरमुहा की गली में स्थित है, जिसका इतिहास करीब 1500 साल पुराना माना जाता है। इस मंदिर में देवी की करीब ढाई फीट ऊंची खड़ी अवस्था में मूर्ति विराजित है, जिसे एक स्वंयभू मूर्ति माना जाता है।

    माता के उल्टे हाथ में कपाल है, तो सीधे हाथ में वह कलम लिए नजर आती हैं। इनके आसपास दो दूत भी विराजमान हैं, जिसमें से एक का नाम चित्र और दूसरे का नाम है गुप्त। माना जाता है कि जब भी किसी बालक का जन्म होता है, तो यही दोनों दूत माता को इसकी जानकारी देते हैं।

    बच्चों के साथ आते हैं भक्त

    विधाता माता का उल्लेख देवी भागवत और दुर्गा सप्तशती सहित अवंतिका पुराण में भी मिलता है। विधाता माता का पौराणिक नाम विद्यात्तय देवी है। मान्यता है कि विधाता माता जन्म के छठवें दिन बच्चों के भाग्य लिखती हैं। यही कारण है कि विधाता माता मंदिर में भक्त दूर-दूर से इस मंदिर में देवी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए आते हैं, ताकि उनके शिशु को सौभाग्य का आशीर्वाद मिल सके।

    ऐसे मिली मूर्ति

    माना जाता है कि एक भक्तजन को माता ने सपने में दर्शन देकर इस स्थान मूर्ति होने के संकेत दिए थे। इसके बाद जब खुदाई की गई तो, यहां विधाता देवी की मूर्ति निकली, जिसके बाद स्थापना इसी स्थान पर इनकी स्थापना की गई और मंदिर का निर्माण करवाया गया। तभी से यह मंदिर यहां स्थित है।

    (Picture Credit: Freepik) (AI Image)

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।