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    Janmashtami 2025: जन्माष्टमी पर जरूर करें इस स्तोत्र का पाठ, बनेंगे सारे बिगड़े काम

    जन्माष्टमी की धूम भारत के साथ-साथ विदेशों में भी देखने को मिलती है। इस दिन को भगवान श्रीकृष्ण के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर श्रीकृष्ण भगवान का जन्म हुआ था। ऐसे में आप इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा के दौरान भगवान कृष्ण अष्टोत्तरशतनाम स्तोत्रम् का पाठ कर सकते हैं।

    By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Thu, 14 Aug 2025 08:00 PM (IST)
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    इस तरह करें कान्हा जी को प्रसन्न (Picture Credit: Freepik)

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल जन्माष्टमी का पर्व 16 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन पर भगवान श्रीकृष्ण का बाल स्वरूप माने गए लड्डू गोपाल जी की पूजा का विधान है। साथ ही जन्माष्टमी के दिन व्रत करने का भी विशेष महत्व माना गया है। इस दिन श्रद्धापूर्वक भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना से साधक को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।

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    भगवान कृष्ण अष्टोत्तरशतनाम स्तोत्रम्

    ॐ श्रीकृष्णः कमलानाथो वासुदेवः सनातनः।

    वसुदेवात्मजः पुण्यो लीलामानुषविग्रहः॥1॥

    श्रीवत्सकौस्तुभधरो यशोदावत्सलो हरिः।

    चतुर्भुजात्तचक्रासिगदाशङ्खाम्बुजायुधः॥2॥

    देवकीनन्दनः श्रीशो नन्दगोपप्रियात्मजः।

    यमुनावेगसंहारी बलभद्रप्रियानुजः॥3॥

    पूतनाजीवितहरः शकटासुरभञ्जनः।

    नन्दव्रजजनानन्दी सच्चिदानन्दविग्रहः॥4॥

    नवनीतनवाहारी मुचुकुन्दप्रसादकः।

    षोडशस्त्रीसहस्रेशस्त्रिभङ्गो मधुराकृतिः॥5॥

    शुकवागमृताब्धीन्दुर्गोविन्दो गोविदाम्पतिः।

    वत्सपालनसञ्चारी धेनुकासुरभञ्जनः॥6॥

    तृणीकृततृणावर्तो यमलार्जुनभञ्जनः।

    उत्तालतालभेत्ता च तमालश्यामलाकृतिः॥7॥

    गोपगोपीश्वरो योगी सूर्यकोटिसमप्रभः।

    इलापतिः परंज्योतिर्यादवेन्द्रो यदूद्वहः॥8॥

    वनमाली पीतवासाः पारिजातापहारकः।

    गोवर्धनाचलोद्धर्ता गोपालः सर्वपालकः॥9॥

    अजो निरञ्जनः कामजनकः कञ्जलोचनः।

    मधुहा मथुरानाथो द्वारकानायको बली॥10॥

    जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर लड्डू गोपाल जी की पूजा के दौरान उन्हें उनके प्रिय भोग जरूर लगाएं, जिसमें माखन-मिश्री, मखाने की खीर और लड्डू आदि शामिल हैं। लड्डू गोपाल जी के भोग में तुलसी डालना न भूलें, क्योंकि तुलसी के बिना उनका भोग अधूरा माना जाता है। इससे कान्हा जी का आशीर्वाद आपके व आपके परिवार के ऊपर बना रहता है।

    (Picture Credit: Freepik) (AI Image)

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    वृन्दावनान्तसञ्चारी तुलसीदामभूषणः।

    स्यमन्तकमणेर्हर्ता नरनारायणात्मकः॥11॥

    कुब्जाकृष्णाम्बरधरो मायी परमपूरुषः।

    मुष्टिकासुरचाणूरमहायुद्धविशारदः॥12॥

    संसारवैरी कंसारिर्मुरारिर्नरकान्तकः।

    अनादिर्ब्रह्मचारी च कृष्णाव्यसनकर्षकः॥13॥

    शिशुपालशिरच्छेत्ता दुर्योधनकुलान्तकृत्।

    विदुराक्रूरवरदो विश्वरूपप्रदर्शकः॥14॥

    सत्यवाक् सत्यसङ्कल्पः सत्यभामारतो जयी।

    सुभद्रापूर्वजो विष्णुर्भीष्ममुक्तिप्रदायकः॥15॥

    जगद्गुरुर्जगन्नाथो वेणुवाद्यविशारदः।

    वृषभासुरविध्वंसी बकारिर्बाणबाहुकृत्॥16॥

    युधिष्ठिरप्रतिष्ठाता बर्हिबर्हावतंसकः।

    पार्थसारथिरव्यक्तो गीतामृतमहोदधिः॥17॥

    कालीयफणिमाणिक्यरञ्जितश्रीपदाम्बुजः।

    दामोदरो यज्ञभोक्ता दानवेन्द्रविनाशनः॥18॥

    नारायणः परम्ब्रह्म पन्नगाशनवाहनः।

    जलक्रीडासमासक्तगोपीवस्त्रापहारकः॥19॥

    पुण्यश्लोकस्तीर्थकरो वेदवेद्यो दयाधिः।

    सर्वतीर्थात्मकः सर्वग्रहरूपी परात्पर॥20॥

    ॥ इति श्रीनारदपञ्चरात्रे श्रीकृष्णाष्टोत्तरशतनामस्तोत्रं समाप्तम् ॥

    लड्डू गोपाल जी को जन्माष्टमी के दिन आप उनकी प्रिय वस्तुएं जैसे मोर पंख और बासुंरी आदि अर्पित कर सकते हैं। इससे लड्डू गोपाल प्रसन्न होते हैं और साधक पर अपनी दया दृष्टि बनाए रखते हैं। इसके साथ ही इस पावन अवसर पर भगवान कृष्ण अष्टोत्तरशतनाम स्तोत्रम् का पाठ और भगवान श्रीकृष्ण के मंत्रों का जप जरूर करें। 

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    करें इन मंत्रों का जप

    1. ॐ कृष्णाय नमः

    2. हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे ।

    हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे ।।

    3. ॐ श्री कृष्णः शरणं ममः

    4. ॐ देव्किनन्दनाय विधमहे वासुदेवाय धीमहि तन्नो कृष्ण:प्रचोदयात

    5. ॐ नमो भगवते तस्मै कृष्णाया कुण्ठमेधसे।

    सर्वव्याधि विनाशाय प्रभो माममृतं कृधि।।

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।