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    Nag Panchami 2023: नाग पंचमी पर रखें इन बातों का ध्यान, साथ ही शाम के समय करें नाग देवता की आरती

    By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo Mishra
    Updated: Mon, 21 Aug 2023 02:19 PM (IST)

    Nag Panchami 2023 आज देश के विभिन्न हिस्सों में नाग पंचमी पर्व मनाया जा रहा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आज के दिन नाग देवता की उपासना करने से साधक को सुख एवं समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। बता दें कि आज के दिन साधक को कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए। साथ ही नाग देवता की आरती के साथ पूजा-पाठ करना चाहिए।

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    Nag Panchami 2023 आज जरूर रखें इन बातों का ध्यान।

    नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क । Nag Panchami 2023 Aarti: आज देशभर में नाग पंचमी पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, आज के दिन नाग देवता और भगवान शिव की उपासना करने से साधक को विशेष लाभ प्राप्त होता है। बता दें कि आज श्रावन सोमवार व्रत का भी संयोग बन रहा है, जिस वजह से आज के दिन पूजा-पाठ का महत्व और अधिक बढ़ जाता है।

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    नाग पंचमी के दिन नाग देवता की उपासना के समय साधक को कुछ विशेष बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए। साथ ही पूजा के समय उनकी आरती का पाठ करना चाहिए। ऐसा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। यहां जानिए, नाग पंचमी नियम और आरती।

    नाग पंचमी 2023 पर रखें इन बातों का ध्यान

    • नाग पंचमी के दिन शिवलिंग पर या नाग देवता पर तांबे के धातु से बने पात्र से दूध नहीं चढ़ाना चाहिए। इसके लिए पीतल से बने पात्र का ही प्रयोग करें।

  • नाग पंचमी के दिन नुकीली वस्तु का प्रयोग भूलकर भी नहीं करना चाहिए। ऐसा करना हानिकारक हो सकता है और इससे नाग देवता क्रोधित हो सकते हैं।

  • नाग पंचमी के दिन जमीन को भी खोदना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि सांप का बिल नष्ट होने का खतरा बना रहता है।

  • आज के दिन किसी भी जीवित सांप को मारना या उसे सताना पाप की श्रेणी में आता है। ऐसा करना साधक के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है।

  • नाग पंचमी 2023 नाग देवता आरती (Nag Devta Aarti lyrics)

    श्रीनागदेव आरती पंचमी की कीजै ।

    तन मन धन सब अर्पण कीजै ।

    नेत्र लाल भिरकुटी विशाला ।

    चले बिन पैर सुने बिन काना ।

    उनको अपना सर्वस्व दीजे।।

    पाताल लोक में तेरा वासा ।

    शंकर विघन विनायक नासा ।

    भगतों का सर्व कष्ट हर लिजै।।

    शीश मणि मुख विषम ज्वाला ।

    दुष्ट जनों का करे निवाला ।

    भगत तेरो अमृत रस पिजे।।

    वेद पुराण सब महिमा गावें ।

    नारद शारद शीश निवावें ।

    सावल सा से वर तुम दीजे।।

    नोंवी के दिन ज्योत जगावे ।

    खीर चूरमे का भोग लगावे ।

    रामनिवास तन मन धन सब अर्पण कीजै ।

    आरती श्री नागदेव जी कीजै ।।

    डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहे।