Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Pradosh Vrat 2025: प्रदोष व्रत पर कर लिया ये पाठ, तो कृपा बरसाएंगे भगवान शिव

    Updated: Thu, 08 May 2025 10:00 PM (IST)

    हर महीने की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत किया जाता है जो भगवान शिव की पूजा-अर्चना के लिए खास तिथि है। वैशाख माह का दूसरा प्रदोष व्रत 9 मई को किया जा रहा है। इस दिन पर विधि-विधान से भगवान शिव और पार्वती की पूजा-अर्चना से साधक को सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद मिल सकता है।

    Hero Image
    Pradosh Vrat 2025 भगवान शिव को ऐसे करें प्रसन्न (Picture Credit: Freepik)

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। भगवान शिव की कृपा प्राप्ति के लिए प्रदोष व्रत एक विशेष तिथि मानी गई है। यह व्रत हर माह की कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी पर किया जाता है। ऐसे में आप शुक्र प्रदोष व्रत की पूजा में भगवान शिव को समर्पित श्री शिवरामाष्टकस्तोत्रम् का पाठ कर सकते हैं, जिससे आपको जीवन में शुभ परिणाम देखने को मिलेंगे। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ॥ श्री शिवरामाष्टकस्तोत्रम् ॥

    शिवहरे शिवराम सखे प्रभो,त्रिविधताप-निवारण हे विभो।

    अज जनेश्वर यादव पाहि मां,शिव हरे विजयं कुरू मे वरम्॥1॥

    कमल लोचन राम दयानिधे,हर गुरो गजरक्षक गोपते।

    शिवतनो भव शङ्कर पाहिमां,शिव हरे विजयं कुरू मे वरम्॥2॥

    स्वजनरञ्जन मङ्गलमन्दिर,भजति तं पुरुषं परं पदम्।

    भवति तस्य सुखं परमाद्भुतं,शिवहरे विजयं कुरू मे वरम्॥3॥

    जय युधिष्ठिर-वल्लभ भूपते,जय जयार्जित-पुण्यपयोनिधे।

    जय कृपामय कृष्ण नमोऽस्तुते,शिव हरे विजयं कुरू मे वरम्॥4॥

    भवविमोचन माधव मापते,सुकवि-मानस हंस शिवारते।

    जनक जारत माधव रक्षमां,शिव हरे विजयं कुरू मे वरम्॥5॥

    (Picture Credit: Freepik)

    यह भी पढ़ें - Pradosh Vrat 2025: प्रदोष व्रत में जरूर करें नटराट स्तुति का पाठ, पूरी होगी मनचाही इच्छा

    माना जाता है कि जो साधक नियमित रूप से प्रदोष व्रत करता है, उसे महादेव की विशेष कृपा की प्राप्ति होती है। साथ ही सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। 

    अवनि-मण्डल-मङ्गल मापते,जलद सुन्दर राम रमापते।

    निगम-कीर्ति-गुणार्णव गोपते,शिव हरे विजयं कुरू मे वरम्॥6॥

    पतित-पावन-नाममयी लता,तव यशो विमलं परिगीयते।

    तदपि माधव मां किमुपेक्षसे,शिव हरे विजयं कुरू मे वरम्॥7॥

    अमर तापर देव रमापते,विनयतस्तव नाम धनोपमम्।

    मयि कथं करुणार्णव जायते,शिव हरे विजयं कुरू मे वरम्॥8॥

    हनुमतः प्रिय चाप कर प्रभो,सुरसरिद्-धृतशेखर हे गुरो।

    मम विभो किमु विस्मरणं कृतं,शिव हरे विजयं कुरू मे वरम्॥9॥

    शुक्र प्रदोष व्रत (shukra Pradosh Vrat 2025) के दिन पूजा का मुहूर्त शाम 7 बजकर 1 मिनट से रात 9 बजकर 8 मिनट तक रहने वाला है। ऐसे में इस मुहूर्त में शिव जी की पूजा से आपको काफी लाभ देखने को मिल सकते हैं। 

    नर हरेति परम् जन सुन्दरं,पठति यः शिवरामकृतस्तवम्।

    विशति राम-रमा चरणाम्बुजे,शिव हरे विजयं कुरू मे वरम्॥10॥

    प्रातरूथाय यो भक्त्या पठदेकाग्रमानसः।

    विजयो जायते तस्य विष्णु सान्निध्यमाप्नुयात्॥11॥

    ॥ इति श्रीरामानन्दस्वामिना विरचितं श्रीशिवरामाष्टकं सम्पूर्णम् ॥

    यह भी पढ़ें - Pradosh Vrat पर दुर्लभ 'शिववास योग' समेत बन रहे हैं कई मंगलकारी संयोग, बनेंगे सारे बिगड़े काम

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।