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    Masik Shivratri 2025: मासिक शिवरात्रि पर करें भगवान शिव के नामों का जप, दूर हो जाएंगे सभी संकट

    Updated: Sun, 16 Nov 2025 02:51 PM (IST)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, 18 नवंबर को मासिक शिवरात्रि है। इस शुभ अवसर पर भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा की जाती है। मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि का व्रत रखने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं, सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है और अविवाहितों के शीघ्र विवाह के योग बनते हैं।   

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    Masik Shivratri 2025: मासिक शिवरात्रि का धार्मिक महत्व 

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, मंगलवार 18 नवंबर को मासिक शिवरात्रि है। यह पर्व हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर भगवान शिव और देवी मां पार्वती की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। साथ ही मनचाही मुराद पाने के लिए व्रत रखा जाता है।

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    धार्मिक मत है कि मासिक शिवरात्रि का व्रत रखने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। वहीं, अविवाहित जातकों की शीघ्र शादी के योग बनते हैं। अगर आप भी शिव-शक्ति की कृपा पाना चाहते हैं, तो मासिक शिवरात्रि के दिन पूजा के समय शिवजी के नामों का जप करें।

    भगवान शिव के 108 नाम

    1. ॐ महाकाल नमः

    2. ॐ भीमेश्वर नमः

    3. ॐ विषधारी नमः

    4. ॐ बम भोले नमः

    5. ॐ विश्वनाथ नमः

    6. ॐ अनादिदेव नमः

    7. ॐ उमापति नमः

    8. ॐ गोरापति नमः

    9. ॐ गणपिता नमः

    10. ॐ ओंकार स्वामी नमः

    11. ॐ ओंकारेश्वर नमः

    12. ॐ शंकर त्रिशूलधारी नमः

    13. ॐ भोले बाबा नमः

    14. ॐ शिवजी नमः

    15. ॐ रुद्रनाथ नमः

    16. ॐ भीमशंकर नमः

    17. ॐ नटराज नमः

    18. ॐ प्रलेयन्कार नमः

    19. ॐ चंद्रमोली नमः

    20. ॐ डमरूधारी नमः

    21. ॐ चंद्रधारी नमः

    22. ॐ दक्षेश्वर नमः

    23. ॐ घ्रेनश्वर नमः

    24. ॐ मणिमहेश नमः

    25. ॐ अनादी नमः

    26. ॐ अमर नमः

    27. ॐ आशुतोष महाराज नमः

    28. ॐ विलवकेश्वर नमः

    29. ॐ भोलेनाथ नमः

    30. ॐ कैलाश पति नमः

    31. ॐ भूतनाथ नमः

    32. ॐ नंदराज नमः

    33. ॐ नन्दी की सवारी नमः

    34. ॐ ज्योतिलिंग नमः

    35. ॐ मलिकार्जुन नमः

    36. ॐ शम्भु नमः

    37. ॐ नीलकंठ नमः

    38. ॐ महाकालेश्वर नमः

    39. ॐ त्रिपुरारी नमः

    40. ॐ त्रिलोकनाथ नमः

    41. ॐ त्रिनेत्रधारी नमः

    42. ॐ बर्फानी बाबा नमः

    43. ॐ लंकेश्वर नमः

    44. ॐ अमरनाथ नमः

    45. ॐ केदारनाथ नमः

    46. ॐ मंगलेश्वर नमः

    47. ॐ अर्धनारीश्वर नमः

    48. ॐ नागार्जुन नमः

    49. ॐ जटाधारी नमः

    50. ॐ नीलेश्वर नमः

    51. ॐ जगतपिता नमः

    52. ॐ मृत्युन्जन नमः

    53. ॐ नागधारी नमः

    54. ॐ रामेश्वर नमः

    55. ॐ गलसर्पमाला नमः

    56. ॐ दीनानाथ नमः

    57. ॐ सोमनाथ नमः

    58. ॐ जोगी नमः

    59. ॐ भंडारी बाबा नमः

    60. ॐ बमलेहरी नमः

    61. ॐ गोरीशंकर नमः

    62. ॐ शिवाकांत नमः

    63. ॐ महेश्वराए नमः

    64. ॐ महेश नमः

    65. ॐ संकटहारी नमः

    66. ॐ महेश्वर नमः

    67. ॐ रुंडमालाधारी नमः

    68. ॐ जगपालनकर्ता नमः

    69. ॐ पशुपति नमः

    70. ॐ संगमेश्वर नमः

    71. ॐ अचलेश्वर नमः

    72. ॐ ओलोकानाथ नमः

    73. ॐ आदिनाथ न

    74. ॐ देवदेवेश्वर नमः

    75. ॐ प्राणनाथ नमः

    76. ॐ शिवम् नमः

    77. ॐ महादानी नमः

    78. ॐ शिवदानी नमः

    79. ॐ अभयंकर नमः

    80. ॐ पातालेश्वर नमः

    81. ॐ धूधेश्वर नमः

    82. ॐ सर्पधारी नमः

    83. ॐ त्रिलोकिनरेश नमः

    84. ॐ हठ योगी नमः

    85. ॐ विश्लेश्वर नमः

    86. ॐ नागाधिराज नमः

    87. ॐ सर्वेश्वर नमः

    88. ॐ उमाकांत नमः

    89. ॐ बाबा चंद्रेश्वर नमः

    90. ॐ त्रिकालदर्शी नमः

    91. ॐ त्रिलोकी स्वामी नमः

    92. ॐ महादेव नमः

    93. ॐ गढ़शंकर नमः

    94. ॐ मुक्तेश्वर नमः

    95. ॐ नटेषर नमः

    96. ॐ गिरजापति नमः

    97. ॐ भद्रेश्वर नमः

    98. ॐ त्रिपुनाशक नमः

    99. ॐ निर्जेश्वर नमः

    100. ॐ किरातेश्वर नमः

    101. ॐ जागेश्वर नमः

    102. ॐ अबधूतपति नमः

    103. ॐ भीलपति नमः

    104. ॐ जितनाथ नमः

    105. ॐ वृषेश्वर नमः

    106. ॐ भूतेश्वर नमः

    107. ॐ बैजूनाथ नमः

    108. ॐ नागेश्वर नमः

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