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    Santoshi Maa: मां संतोषी की पूजा के लिए उत्तम है शुक्रवार का दिन, घर में होता है खुशियों का आगमन

    Updated: Fri, 28 Mar 2025 08:44 AM (IST)

    हिंदू धर्म में जिस प्रकार हर देवी-देवता के लिए कोई-न-कोई दिन निर्धारित होता है वैसे ही मां संतोषी के लिए शुक्रवार का दिन सबसे उत्तम माना जाता है। इस दिन मां संतोषी (Santoshi Mata) की पूजा-अर्चना करने से साधक के जीवन में सुख-समृद्धि का वास बना रहता है। इसी के साथ व्यक्ति को धन संबंधी समस्याओं से भी छुटकारा मिल सकता है।

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    Santoshi Mata Ki Aarti and mantra (Picture Credit: Freepik)

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिन्दू शास्त्रों के अनुसार, मां संतोषी भगवान गणेश की पुत्री मानी गई हैं। साथ ही इनकी आराधना के लिए शुक्रवार का दिन सबसे उत्तम माना गया है। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन पर देवी संतोषी की पूजा-अर्चना करने से जीवन में आ रही सभी तरह की समस्याएं समाप्त हो सकती हैं। ऐसे में मां संतोषी की पूजा के दौरान उनकी आरती व मंत्रों का जप जरूर करें।

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    संतोषी माता की आरती (Santoshi Mata Ki Aarti)

    जय सन्तोषी माता,

    मैया जय सन्तोषी माता ।

    अपने सेवक जन की,

    सुख सम्पति दाता ॥

    जय सन्तोषी माता,

    मैया जय सन्तोषी माता ॥

    सुन्दर चीर सुनहरी,

    मां धारण कीन्हो ।

    हीरा पन्ना दमके,

    तन श्रृंगार लीन्हो ॥

    जय सन्तोषी माता,

    मैया जय सन्तोषी माता ॥

    गेरू लाल छटा छबि,

    बदन कमल सोहे ।

    मंद हंसत करुणामयी,

    त्रिभुवन जन मोहे ॥

    जय सन्तोषी माता,

    मैया जय सन्तोषी माता ॥

    स्वर्ण सिंहासन बैठी,

    चंवर दुरे प्यारे ।

    धूप, दीप, मधु, मेवा,

    भोज धरे न्यारे ॥

    जय सन्तोषी माता,

    मैया जय सन्तोषी माता ॥

    गुड़ अरु चना परम प्रिय,

    तामें संतोष कियो ।

    संतोषी कहलाई,

    भक्तन वैभव दियो ॥

    जय सन्तोषी माता,

    मैया जय सन्तोषी माता ॥

    शुक्रवार प्रिय मानत,

    आज दिवस सोही ।

    भक्त मंडली छाई,

    कथा सुनत मोही ॥

    जय सन्तोषी माता,

    मैया जय सन्तोषी माता ॥

    हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार भगवान गणेश की पुत्री संतोषी माता की पूजा-अर्चना से साधक को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। ऐसे में शुक्रवार के दिन संतोषी माता की विधिवत पूजा जरूर करें। 

    मंदिर जग मग ज्योति,

    मंगल ध्वनि छाई ।

    विनय करें हम सेवक,

    चरनन सिर नाई ॥

    जय सन्तोषी माता,

    मैया जय सन्तोषी माता ॥

    भक्ति भावमय पूजा,

    अंगीकृत कीजै ।

    जो मन बसे हमारे,

    इच्छित फल दीजै ॥

    जय सन्तोषी माता,

    मैया जय सन्तोषी माता ॥

    दुखी दारिद्री रोगी,

    संकट मुक्त किए ।

    बहु धन धान्य भरे घर,

    सुख सौभाग्य दिए ॥

    जय सन्तोषी माता,

    मैया जय सन्तोषी माता ॥

    ध्यान धरे जो तेरा,

    वांछित फल पायो ।

    पूजा कथा श्रवण कर,

    घर आनन्द आयो ॥

    जय सन्तोषी माता,

    मैया जय सन्तोषी माता ॥

    चरण गहे की लज्जा,

    रखियो जगदम्बे ।

    संकट तू ही निवारे,

    दयामयी अम्बे ॥

    जय सन्तोषी माता,

    मैया जय सन्तोषी माता ॥

    सन्तोषी माता की आरती,

    जो कोई जन गावे ।

    रिद्धि सिद्धि सुख सम्पति,

    जी भर के पावे ॥

    जय सन्तोषी माता,

    मैया जय सन्तोषी माता ।

    अपने सेवक जन की,

    सुख सम्पति दाता ॥

    (Picture Credit: Freepik)

    संतोषी माता की पूजा में उनके मंत्रों का जप  भी जरूर करना चाहिए। इससे देवी मां प्रसन्न होती हैं और साधक के घर को धन-धान्य से भर देती हैं। 

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    संतोषी माता के मंत्र (Santoshi Mata Mantra)

    1. ॐ श्री संतोषी महामाया गजानंदम दायिनी

    2. शुक्रवार प्रिये देवी नारायणी नमोस्तुते!

    3. संतोषी माँ महामंत्र: -

    जय माँ संतोषिये देवी नमो नमः

    श्री संतोषी देव्व्ये नमः

    ॐ श्री गजोदेवोपुत्रिया नमः

    ॐ सर्वनिवार्नाये देविभुता नमः

    ॐ संतोषी महादेव्व्ये नमः

    ॐ सर्वकाम फलप्रदाय नमः

    ॐ ललिताये नमः

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।