Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Aaj Ka Panchang 13 November 2024: आज है तुलसी विवाह, जानें पंचांग और शुभ मुहूर्त एवं योग

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Wed, 13 Nov 2024 09:08 AM (IST)

    आज कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि दोपहर 01 बजकर 10 मिनट तक है। इस तिथि पर कई शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इस दौरान कार्य की शुरुआत करने से सफलता प्राप्त होगी। आइए आज के दिन की शुरुआत करने से पहले पंडित हर्षित जी से आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang 13 November 2024) और राहुकाल का समय जानते हैं।

    Hero Image
    Aaj Ka Panchang 13 November 2024: आज का पंचांग

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, आज यानी 13 नवंबर को तुलसी विवाह है। हर वर्ष कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को तुलसी विवाह ( Tulsi Vivah 2024) मनाया जाता है। इससे एक दिन पूर्व देवउठनी एकादशी मनाई जाती है। कई बार देवउठनी एकादशी और तुलसी विवाह एक दिन ही मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर भगवान विष्णु एवं मां तुलसी की पूजा की जाती है। ज्योतिषियों की मानें तो तुलसी विवाह पर एक साथ कई मंगलकारी योग बन रहे हैं। इन योग में लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करने से अक्षय फल की प्राप्ति होगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat)

    कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि आज दोपहर 01 बजकर 01 मिनट तक है। इसके बाद शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि शुरू होगी। कार्तिक पूर्णिमा पर देव दीपावली मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा की जाती है। इस दिन गंगा आरती की जाती है।

    शुभ योग (Shubh 2024 Yog)

    ज्योतिषियों की मानें तो कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि पर सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का शुभारंभ दोपहर 03 बजकर 26 मिनट से होगा। इसके साथ ही शिववास योग का भी संयोग बन रहा है। इन योग लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करने से साधक को अमोघ फल की प्राप्ति होगी।    

    रेवती नक्षत्र

    आज यानी 13 नवंबर को रेवती नक्षत्र का संयोग बन रहा है। इस योग में भगवान विष्णु की उपासना करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी। ज्योतिष रेवती नक्षत्र को शुभ मानते हैं। इन योग में शुभ कार्य करने से साधक पर की विशेष लक्ष्मी-नारायण की कृपा बरसती है। उनकी कृपा से साधक के सकल मनोरथ सिद्ध पूर्ण होंगे। साथ ही घर में सुख, समृद्धि एवं खुशहाली आएगी।

    पंचांग

    सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 42 मिनट पर

    सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 28 मिनट पर

    चन्द्रोदय- दोपहर 03 बजकर 33 मिनट से

    चन्द्रास्त- सुबह 04 बजकर 43 मिनट पर

    ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 56 मिनट से 05 बजकर 49 मिनट तक

    विजय मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 53 मिनट से 02 बजकर 36 मिनट तक

    गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 28 मिनट से 05 बजकर 55  मिनट तक

    निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 39 मिनट से 12 बजकर 32 मिनट तक

    अशुभ समय

    राहु काल - दोपहर 12 बजकर 05 मिनट से 01 बजकर 26 मिनट तक

    गुलिक काल - सुबह 10 बजकर 45 मिनट से दोपहर 12 बजकर 05 मिनट तक

    दिशा शूल - उत्तर

    ताराबल

    अश्विनी, भरणी, रोहिणी, आर्द्रा, पुष्य, आश्लेषा, मघा, पूर्वा फाल्गुनी, हस्त, स्वाति, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, श्रवण, शतभिषा, उत्तराभाद्रपद, रेवती

    चन्द्रबल

    वृषभ,मिथुन, कन्या, तुला, मकर, मीन

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।