Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Masik Shivratri 2025: अगस्त महीने में कब है मासिक शिवरात्रि? यहां पता करें शुभ मुहूर्त एवं योग

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Fri, 01 Aug 2025 11:00 AM (IST)

    धार्मिक मत है कि मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri 2025) पर देवों के देव महादेव और मां पार्वती की पूजा एवं भक्ति करने से विवाहित महिलाओं के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। इसके साथ ही अखंड सुहाग की प्राप्ति होती है। वहीं अविवाहित जातकों की शादी शीघ्र हो जाती है।

    Hero Image
    Masik Shivratri 2025: मासिक शिवरात्रि का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि देवों के देव महादेव को समर्पित है। इस शुभ तिथि पर मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मासिक शिवरात्रि का व्रत अविवाहित जातक शीघ्र विवाह के लिए रखते हैं। वहीं, विवाहित महिलाएं सुख और सौभाग्य में वृद्धि के लिए व्रत रखती हैं। इस व्रत के पुण्य-प्रताप से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। आइए, भाद्रपद माह की मासिक शिवरात्रि की सही डेट और शुभ मुहूर्त जानते हैं-

    यह भी पढ़ें- Somvar ke Mantra: सोमवार के दिन करें इन मंत्रों का जाप, रूका हुआ हर काम होगा पूरा

    सावन शिवरात्रि शुभ मुहूर्त (Masik Shivratri 2025 Shubh Muhurat )

    वैदिक पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 21 अगस्त को दोपहर 12 बजकर 44 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, 22 अगस्त को दिन में 11 बजकर 55 मिनट पर चतुर्दशी तिथि समाप्त होगी।

    भगवान शिव की पूजा मासिक शिवरात्रि को निशा काल में होती है। इसके लिए 21 अगस्त को भाद्रपद महीने की मासिक शिवरात्रि मनाई जाएगी। इस दिन निशा काल में पूजा का समय देर रात 12 बजकर 02 मिनट से 12 बजकर 46 मिनट तक है।

    सावन शिवरात्रि शुभ योग (Masik Shivratri 2025 Shubh Yog)

    ज्योतिषियों की मानें तो भाद्रपद शिवरात्रि पर अभिजीत मुहूर्त का संयोग बन रहा है। इसके साथ ही मासिक शिवरात्रि पर पुष्य नक्षत्र का योग है। इस दौरान भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने से साधक को दोगुना फल मिलेगा।

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 53 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 54 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 26 मिनट से 05 बजकर 10 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 34 मिनट से 03 बजकर 26 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 54 मिनट से 07 बजकर 16 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 02 मिनट से 12 बजकर 46 मिनट तक

    यह भी पढ़ें- Sawan 2025: निश्चित है भगवान शिव के प्रति समर्पित व्यक्ति का कल्याण, यहां जानें

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।