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    Budhwar Puja: बुधवार के दिन गणेश जी को अर्पित करें ये चीजें, बिना रुकावट पूरा होगा हर काम

    Updated: Wed, 21 May 2025 08:55 AM (IST)

    हिंदू धर्म में शिव जी के पुत्र गणेश भगवान को प्रथम पूज्य देव और विघ्नहर्ता के रूप में पूजा जाता है। वैसे तो सभी दिन गणेश जी की पूजा-अर्चना की जा सकती है लेकिन बुधवार के दिन उनकी पूजा-अर्चना का विशेष फल मिलता है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि आप इस दिन पर किस तरह गणेश जी कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

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    Budhwar Puja: बुधवार के दिन इस तरह करें गणेश जी की पूजा।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। बुधवार का दिन भगवान गणेश की कृपा प्राप्ति के लिए बहुत ही उत्तम माना गया है। इस दिन पर अगर आप विधि-विधान से गणेश जी की पूजा-अर्चना करते हैं, तो इससे आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं और आपके काम में आ रही रुकावट भी दूर होती है। 

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    अर्पित करें ये चीजें

    बुधवार के दिन गणेश जी की पूजा के दौरान उन्हें उनके प्रिय भोग जैसे मोकद, लड्डू, माल पुआ आदि अर्पित कर सकते हैं। इससे गणेश जी प्रसन्न होते हैं। साथ ही गणेश जी की पूजा में दूर्वा भी जरूर अर्पित करें। गणेश जी को दूर्वा 11 या फिर 21 के जोड़े में चढ़ाएं और दूर्वा अर्पित करते समय इस मंत्र का जप करें -

    'श्री गणेशाय नमः दूर्वांकुरान् समर्पयामि'

    ध्यान रखें ये बातें

    गणेश जी को दूर्वा अर्पित करने से पहले इसे साफ पानी से धो लेना चाहिए। इसके साथ ही दूर्वा को हमेशा किसी साफ स्थान से ही तोड़ना चाहिए। इसके साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि गणेश जी की पूजा में उन्हें कभी भी तुलसी नहीं अर्पित करनी चाहिए।

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    गणेश जी की आरती

    जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

    एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी।

    माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥

    जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

    पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा।

    लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा॥

    जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

    अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।

    बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥

    जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

    'सूर' श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।

    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

    (Picture Credit: Freepik)

    जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

    दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।

    कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी॥

    जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

    भगवान गणेश की जय, पार्वती के लल्ला की जय

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

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