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    Chhath Puja 2025 Day 3: संध्या अर्घ्य के समय करें ये विशेष आरती, चारों तरफ से कृपा बरसाएंगी छठी माता

    Updated: Mon, 27 Oct 2025 09:11 AM (IST)

    छठ महापर्व का तीसरा दिन, संध्या अर्घ्य, सबसे महत्वपूर्ण होता है। इस दिन व्रती 36 घंटे के निर्जला व्रत के साथ डूबते सूर्य देव को अर्घ्य देती हैं। अर्घ्य के बाद छठी मैया और सूर्य देव की आरती जरूर करना चाहिए। ऐसा करने से भगवान सूर्य के साथ छठी माता का आशीर्वाद मिलता है।

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    Chhath Puja 2025 Day 3: छठ महापर्व का तीसरा दिन आज।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Chhath Puja 2025 Day 3: छठ महापर्व का तीसरा दिन यानी संध्या अर्घ्य का समय सबसे महत्वपूर्ण होता है। इस दिन व्रती 36 घंटे के निर्जला व्रत के साथ, डूबते हुए सूर्य देव को जल में खड़े होकर अर्घ्य देती हैं। यह दिन आस्था और त्याग का प्रतीक है। इस पावन बेला में, अर्घ्य देने के बाद छठी मैया की विशेष आरती करना न केवल पूजा को पूर्णता देता है, बल्कि छठी माता और सूर्य देव की असीम कृपा पाने का सबसे सरल उपाय भी है, तो आइए भाव के साथ आरती करते हैं -

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    ।।सूर्य देव की आरती।। (Bhagwan Surya Dev Ji Ki Aarti)

    ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।

    जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।

    धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान।।

    ।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।

    सारथी अरुण हैं प्रभु तुम, श्वेत कमलधारी। तुम चार भुजाधारी।।

    अश्व हैं सात तुम्हारे, कोटि किरण पसारे। तुम हो देव महान।।

    ।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।

    ऊषाकाल में जब तुम, उदयाचल आते। सब तब दर्शन पाते।।

    फैलाते उजियारा, जागता तब जग सारा। करे सब तब गुणगान।।

    ।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।

    संध्या में भुवनेश्वर अस्ताचल जाते। गोधन तब घर आते।।

    गोधूलि बेला में, हर घर हर आंगन में। हो तव महिमा गान।।

    ।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।

    देव-दनुज नर-नारी, ऋषि-मुनिवर भजते। आदित्य हृदय जपते।।

    स्तोत्र ये मंगलकारी, इसकी है रचना न्यारी। दे नव जीवनदान।।

    ।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।

    तुम हो त्रिकाल रचयिता, तुम जग के आधार। महिमा तब अपरम्पार।।

    प्राणों का सिंचन करके भक्तों को अपने देते। बल, बुद्धि और ज्ञान।।

    ।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।

    भूचर जलचर खेचर, सबके हों प्राण तुम्हीं। सब जीवों के प्राण तुम्हीं।।

    वेद-पुराण बखाने, धर्म सभी तुम्हें माने। तुम ही सर्वशक्तिमान।।

    ।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।

    पूजन करतीं दिशाएं, पूजे दश दिक्पाल। तुम भुवनों के प्रतिपाल।।

    ऋतुएं तुम्हारी दासी, तुम शाश्वत अविनाशी। शुभकारी अंशुमान।।

    ।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।

    ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।

    जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।स्वरूपा।।

    धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान।।

    ।छठी मैया की आरती। Chhathi Maiya Ki Aarti

    जय छठी मैया ऊ जे केरवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए.
    मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए..
    जय छठी मैया...

    ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदिति होई ना सहाय.
    ऊ जे नारियर जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए..
    जय छठी मैया...

    मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए.
    ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय..
    जय छठी मैया...

    अमरुदवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडरराए.
    मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए..
    जय छठी मैया...

    ऊ जे सुहनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय.
    शरीफवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए..
    जय छठी मैया...

    मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए,
    ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय..
    जय छठी मैया...


    ऊ जे सेववा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए.
    मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए..
    जय छठी मैया...


    ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय.
    सभे फलवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए..
    जय छठी मैया...

    मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए.
    ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय..
    जय छठी मैया...

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।