Deepotsav 2025: दीपोत्सव में गलती से भी न करें ये काम, खुशियों पर लग जाएगा ग्रहण
दीपोत्सव (18-23 अक्टूबर) का सनातन धर्म में अत्यधिक महत्व है। इस दौरान माता लक्ष्मी और भगवान गणेश पृथ्वी पर आते हैं। वहीं, इस अवधि को लेकर कुछ नियम बनाए गए हैं, जिनका पालन सभी को करना चाहिए। आइए उन नियमों को जानते हैं।

Deepotsav 2025: दीपोत्सव का महत्व है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। दीपोत्सव का सनातन धर्म में बहुत ज्यादा महत्व है। इस साल यह 18 अक्टूबर से शुरू होगा और 23 तक चलेगा। यह वह समय है जब माता लक्ष्मी और भगवान गणेश पृथ्वी पर आते हैं। इसलिए इस दौरान (Deepotsav 2025) कुछ विशेष नियमों का पालन करना चाहिए, जिससे जीवन सुख-समृद्धि बनी रहें, तो आइए इस आर्टिकल में जानते हैं कि इस दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
दीपोत्सव में क्या करें? (Deepotsav 2025 Dos)
- दीपोत्सव से पहले पूरे घर की अच्छी तरह से साफ-सफाई करें। मान्यता है कि लक्ष्मी जी को पवित्रता बहुत पसंद है। नरक चतुर्दशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में तेल और उबटन लगाकर स्नान करें। इससे स्वास्थ्य अच्छा होता है और सौंदर्य बढ़ता है।
- धनतेरस की शाम को घर के अंदर और बाहर, विशेषकर दक्षिण दिशा में, एक दीपक जरूर जलाएं। इससे अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है।
- धनतेरस पर झाड़ू, सोना, चांदी, पीतल या तांबे के बर्तन खरीदना चाहिए। इससे सौभाग्य और धन में वृद्धि होती है।
- इस दौरान घर में शांति बनाए रखें।
- पूजा-पाठ के दौरान वैदिक मंत्रों का जप करें।
दीपोत्सव में क्या न करें (Deepotsav 2025 Donts)
- दीपोत्सव के दौरान तामसिक चीजों से दूर रहें।
- दीपावली के शुभ अवसर पर काले रंग के कपड़े पहनने व खरीदने से बचें।
- दीपोत्सव के दौरान चाकू, कैंची, या कोई भी नुकीली वस्तु खरीदने से परहेज करें।
- इस अवधि में अपने बड़ों का अपमान न करें।
- घर में किसी भी तरह का झगड़ा, वाद-विवाद न करें।
- दीपावली के दिन सूर्योदय के बाद और शाम के समय में सोना अशुभ माना जाता है। इस समय जागकर पूजा-पाठ की तैयारी करनी चाहिए।
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