Dev Diwali 2025 Date: 04 या 05 नवंबर, कब है देव दीपावली? यहां पता करें सही तिथि और शुभ मुहूर्त
सनातन धर्म में कार्तिक अमावस्या पर दिवाली मनाई जाती है, जो मां लक्ष्मी और गणेश जी को समर्पित है। वहीं, कार्तिक पूर्णिमा पर देव दीपावली होती है, जब देवता पृथ्वी पर आते हैं। वर्ष 2025 में देव दीपावली 5 नवंबर को मनाई जाएगी, जिसका पूजन समय शाम 5:15 बजे से 7:50 बजे तक है। इस दिन शिववास योग जैसे शुभ संयोग भी बन रहे हैं।

Dev Diwali 2025: देव दीपावली का धार्मिक महत्व
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में कार्तिक माह की अमावस्या तिथि पर दीवाली मनाई जाती है। यह पर्व धन की देवी मां लक्ष्मी को समर्पित होता है। इस शुभ अवसर पर देवी मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। धार्मिक मत है कि मां लक्ष्मी की पूजा करने से आय, सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है।

वहीं, हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दीपावली या देव दीवाली मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर देवी और देवता पृथ्वी लोक पर दीवाली मनाने आते हैं। सनातन शास्त्रों में निहित है कि कार्तिक पूर्णिमा की पुण्यकारी तिथि पर देवों के देव महादेव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था। उस समय देवताओं ने भगवान शिव की पूजा की। इसके लिए हर साल कार्तिक पूर्णिमा तिथि पर देव दीवाली मनाई जाती है। आइए, देव दीपावली की सही तिथि और शुभ मुहूर्त जानते हैं-
देव दीपावली मुहूर्त (Dev Deepawali muhurat 2025)
वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि 4 नवंबर को देर रात 10 बजकर 36 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, 05 नवंबर को शाम 06 बजकर 48 मिनट पर पूर्णिमा तिथि का समापन होगा। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। इस प्रकार 05 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा मनाई जाएगी।
देव दीपावली 2025 पूजन समय
कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि यानी 05 नवंबर को पूजा और आरती का समय संध्याकाल 05 बजकर 15 मिनट से लेकर 07 बजकर 50 मिनट तक है। इस समय में गंगा आरती और दीप दान का आयोजन किया जाएगा।
शुभ योग
ज्योतिषियों की मानें तो देव दीपावली पर शिववास योग का मंगलकारी संयोग है। इस योग का संयोग शाम 06 बजकर 48 मिनट से है। इसके साथ ही देव दीपावली पर बव करण का भी संयोग है। इन योग में शिव-शक्ति की पूजा करने से सकल मनोरथ सिद्ध होंगे।
यह भी पढ़ें- Dev Diwali 2025: देव दीपावली पर शिववास योग समेत बन रहे हैं कई मंगलकारी संयोग, होगी खुशियों की बरसात
यह भी पढ़ें- Kartik Purnima पर जरूर करें ये पाठ, कभी खाली नहीं होंगे धन के भंडार
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।