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    Dev Uthani Ekadashi पर देवों को जगाने के लिए गाएं ये भक्तिमय गीत, घर में होगा सुख-समृद्धि का वास

    Updated: Sat, 01 Nov 2025 08:37 AM (IST)

    देवउठनी एकादशी साल की महत्वपूर्ण एकादशी में से एक है, क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु चार महीने की निद्रा से जागते हैं। इस दिन से ही शुभ कार्यों की भी शुरुआत हो जाती है। इस दिन पर देवताओं को जगाने के लिए विशेष पूजा और गीत गाए जाते हैं। ऐसे में चलिए पढ़ते हैं देवों को जगाने के गीत।

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    Dev Uthani Ekadashi 2025 (Picture Credit: Freepik) (AI Image)

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। देवउठनी एकादशी के दिन देवताओं को निद्रा से जगाने के लिए विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। इसके साथ ही इस दिन पर देवताओं को जगाने के लिए कुछ पारम्परिक गीत भी गाए जाते हैं। देवउठनी एकादशी पर देवों को उठाने के लिए गीत गाने की परम्परा सदियों से चली आ रही है। मान्यता है कि ऐसा करने से साधक व उसके परिवार पर भगवान विष्णु के साथ-साथ देवी-देवताओं की भी कृपा बनी रहती है।

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    देवउठनी एकादशी के गीत

    उठो देव बैठो देव
    हाथ-पांव फटकारो देव
    उंगलियां चटकाओ देव
    सिंघाड़े का भोग लगाओ देव
    गन्ने का भोग लगाओ देव
    सब चीजों का भोग लगाओ देव ॥
    उठो देव बैठो देव
    उठो देव, बैठो देव
    देव उठेंगे कातक मोस
    नयी टोकरी, नयी कपास
    ज़ारे मूसे गोवल जा
    गोवल जाके, दाब कटा
    दाब कटाके, बोण बटा
    बोण बटाके, खाट बुना
    खाट बुनाके, दोवन दे
    दोवन देके दरी बिछा
    दरी बिछाके लोट लगा
    लोट लगाके मोटों हो, झोटो हो
    गोरी गाय, कपला गाय
    जाको दूध, महापन होए,
    सहापन होए।
    जितनी अम्बर, तारिइयो
    इतनी या घर गावनियो
    जितने जंगल सीख सलाई
    इतनी या घर बहुअन आई
    जितने जंगल हीसा रोड़े
    जितने जंगल झाऊ झुंड
    इतने याघर जन्मो पूत
    ओले कोले, धरे चपेटा
    ओले कोले, धरे अनार
    ओले कोले, धरे मंजीरा
    उठो देव बैठो देव

    lord vishnu i (1)

    (Picture Credit: Freepik) (AI Image)

    दूसरा गीत

    मूली का पत्ता हरिया भरिया ईश्वर का मुख पानी भरिया,

    मूली का पत्ता हरिया भरिया बबीता का मुख पानो भरिया

    (इसी तरह से परिवार की सभी बहुओं के नाम लेते हैं)

    ओल्या-कोल्या धरे अनार जीयो वीरेन्द्र तेरे यार

    ओल्या-कोल्या धरे अनार जीयो पुनीत तेरे यार

    (परिवार की सभी पुरुषों का नाम लें)

    ओल्या कोल्या धरे पंज गट्टे जीयो ललिता तेरे बेटे

    ओल्या-कोल्या धरे पंज गट्टे जीयो मनीषा तेरे बेटे

    (परिवार की सभी बहुओं के नाम लें)

    ओल्या-कोल्या धरे अंजीर जीयो सरोज तेरे वीर

    ओल्या कोल्या धरे अंजीर जीयो पूजा तेरे बीर

    (परिवार की सभी लड़कियों के नाम)

    ओल्या-कोल्या लटके चाबी, एक दीपा ये तेरी भाभी

    ओल्या-कोल्या लटके चाबी एक शगुन ये तेरी भाभी

    (परिवार की सभी लड़कियों का नाम लें)

    बुल बुलड़ी नै घालो गाड़ी राज करे अशोक की दादी

    बुल बुलड़ी नै घालो गाड़ी राज करे पुनित की दादी

    बुल बुलड़ी नै घालो गाड़ी राज करे रोहन की दादी

    (परिवार के सभी लड़कों का नाम लें)

    lord vishnu i

    (Picture Credit: Freepik) 

    जितनी इस घर सींक सलाई उतनी इस घर बहूअड़ आई

    जितनी खूंटी टाँगू सूत उतने इस घर जनमे पूत

    जितने इस घर ईंट रोड़े उतने इस घर हाथी घोड़े

    उठ नारायण, बैठ नारायण, चल चना के खेत नारायण

    में बोऊँ तू सींच नारायण, में काटृ तू उठा नारायण

    मैं पीस तू छान नारायण, में पोऊ तू खा नारायण

    कोरा करवा शीतल पानी, उठो देवो पियो पानी |

    उठो देवा, बैठो देवा, अंगुरिया चटकाओ देवा ॥

    जागो जागो हरितश (अपने गोत का नाम) गोतियों के देवा

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