Diwali 2025: निशिता काल में ही क्यों की जाती है दीवाली की पूजा, यहां पढ़ें मुहूर्त
हिंदुओं के प्रमुख त्योहार में से एक दीवाली (Diwali 2025 Puja) इस बार 20 अक्टूबर को मनाया जाएगा। पंचांग के अनुसार, यह पर्व हर साल कार्तिक माह की अमावस्या पर मनाया जाता है। दीवाली पूजन निशिता काल में किया जाता है, जिसका बड़ी ही खास कारण है। चलिए एस्ट्रोलॉजर दिव्या गौतम से जानते हैं इस बारे में।
-1760441768824.webp)
Diwali 2025 लक्ष्मी-गणेश के आशीर्वाद का सर्वोत्तम समय
दिव्या गौतम, एस्ट्रोपत्री। दीवाली का पर्व भारत में केवल दीपों और मिठाइयों तक सीमित नहीं है। यह सकारात्मक ऊर्जा, नए आरंभ और समृद्धि का प्रतीक भी है। इस दिन विशेष रूप से लक्ष्मी-गणेश पूजा का महत्व है, क्योंकि यह पूजा न केवल आर्थिक समृद्धि का मार्ग खोलती है बल्कि जीवन में सुख, शांति और ऐश्वर्य की दिशा भी प्रदान करती है। परंपरा के अनुसार इसे विशेष रूप से निशिता काल में करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
निशिता काल क्या है?
निशिता काल (Nishita Kaal) रात के मध्य का वह समय होता है, जब दिन और रात का संतुलन अधिक स्पष्ट होता है। इसे ज्योतिष शास्त्र और तांत्रिक ग्रंथों में अत्यंत पवित्र माना गया है। निशिता काल में वातावरण की ऊर्जा विशेष रूप से सकारात्मक और सशक्त होती है। यही कारण है कि इस समय किए गए अनुष्ठान और मंत्र जाप का प्रभाव अधिक तीव्र और दीर्घकालीन होता है।
इस समय की विशेषता यह है कि रात्रि की मध्य बिंदु पर स्थित होने के कारण यह काल धन, विद्या और आध्यात्मिक बल की प्राप्ति के लिए सर्वोत्तम माना जाता है। पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार, निशिता काल में किए गए कार्य और पूजा केवल सांसारिक लाभ ही नहीं देते, बल्कि व्यक्ति के मानसिक और आध्यात्मिक संतुलन में भी सहायक होते हैं।
(Picture Credit: Freepik) (AI Image)
निशिता काल मुहूर्त 2025 (Diwali Puja timing)
दीपावली के दिन विशेष रूप से लक्ष्मी-गणेश पूजा के लिए निशिता काल मुहूर्त अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह समय रात्रि के मध्य में होता है, जब दिन और रात का संतुलन होता है, और ज्योतिषीय दृष्टि से यह समय पूजा के लिए अत्यधिक शुभ माना जाता है।
निशिता काल मुहूर्त का समय -
रात 11 बजकर 46 मिनट से देर रात 12 बजकर 36 मिनट तक ( 21 अक्टूबर 2025 की रात से 22 अक्टूबर 2025 की सुबह तक)
इस समय (auspicious muhurta) में की जाने वाली लक्ष्मी-गणेश पूजा से घर में समृद्धि, सुख-शांति और ऐश्वर्य का वास होता है। इस अवधि में किए गए अनुष्ठान विशेष प्रभावी माने जाते हैं और पूरे वर्ष लाभकारी रहते हैं।
यह भी पढ़ें - Diwali 2025: भगवान राम के ये गुण बनाएंगे आपको महान, जीवन में जरूर उतारें
यह भी पढ़ें - Diwali 2025: दीवाली के दिन शिवलिंग पर चढ़ाएं ये चीजें, प्रसन्न होंगे महादेव और सभी दुख होंगे दूर
लेखक: दिव्या गौतम, Astropatri.com अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए hello@astropatri.com पर संपर्क करें।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।