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    Ganesh Chaturthi 2025: कब होगी भगवान गणेश की स्थापना? जानें डेट और पूजा विधि

    Updated: Sat, 16 Aug 2025 07:00 PM (IST)

    गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2025) का पर्व भगवान गणेश के जन्म के उत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व 10 दिनों तक चलता है जिसकी शुरुआत भगवान गणेश की प्रतिमा की स्थापना से होती है। इस दिन भक्त शुभ मुहूर्त में भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करते हैं और उनकी विशेष पूजा-अर्चना करते हैं।

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    Ganesh Chaturthi 2025: भगवान गणेश स्थापना डेट और टाइम।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। गणेश चतुर्थी का पर्व भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में हर साल बड़े ही उत्साह और धूमधाम के साथ मनाया जाता है। यह पर्व 10 दिनों तक चलता है, जिसकी शुरुआत भगवान गणेश की प्रतिमा की स्थापना से होती है। इस दौरान साधक भगवान गणेश को अपने घर लाते हैं और उनकी विधिवत पूजा-अर्चना करते हैं, तो आइए इस दिन (Ganesh Chaturthi 2025) से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं।

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    गणेश चतुर्थी 2025 शुभ मुहूर्त (Ganesh Chaturthi 2025 Shubh Muhurat )

    हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 26 अगस्त को दोपहर 01 बजकर 54 मिनट से होगी। वहीं, इसका समापन 27 अगस्त को लदोपहर 03 बजकर 44 मिनट पर होगा। पंचांग को देखते हुए गणेश चतुर्थी का पर्व 27 अगस्त को शुरू होगा और इसी दिन गणेश स्थापना की जाएगी।

    पूजा मुहूर्त (Ganesh Chaturthi 2025 Puja Muhurat)

    गणेश जी की स्थापना का सबसे शुभ समय मध्याह्न होता है, क्योंकि माना जाता है कि इसी समय भगवान गणेश का जन्म हुआ था। 27 अगस्त 2025 को मध्याह्न काल में गणेश पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11:05 बजे से दोपहर 01:40 बजे तक रहेगा।

    गणेश स्थापना पूजा विधि (Ganesh Puja Vidhi)

    • गणेश जी को घर लाने से पहले पूजा स्थल को अच्छी तरह से साफ करें और उसे फूलों, रंगोली और अन्य सजावटी सामानों से सजाएं।
    • शुभ मुहूर्त में भगवान गणेश की प्रतिमा एक वेदी पर स्थापित करें।
    • वेदी पर लाल या पीला वस्त्र बिछाएं।
    • पूजा शुरू करने से पहले हाथ में जल, फूल और चावल लेकर व्रत या पूजा का संकल्प लें।
    • सबसे पहले 'ॐ गं गणपतये नमः' मंत्र का जाप करते हुए भगवान गणेश का आह्वान करें।
    • भगवान गणेश की मूर्ति को पंचामृत से स्नान कराएं।
    • स्नान के बाद उन्हें नए वस्त्र और आभूषण पहनाएं।
    • भगवान गणेश को उनका सबसे प्रिय भोग मोदक और लड्डू अर्पित करें।
    • इसके साथ ही उन्हें दूर्वा घास, लाल फूल और सिंदूर भी चढ़ाएं।
    • अंत में पूरे परिवार के साथ भगवान गणेश की आरती करें।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।