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    Ganga Dussehra पर बना रहे हैं गंगा स्नान का मन, तो पहले जरूर जान लें ये नियम

    Updated: Fri, 23 May 2025 06:56 PM (IST)

    हिंदू पंचांग के अनुसार गंगा दशहरा ज्येष्ठ माह में आने वाली शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर मनाया जाता है। इस दिन पर गंगा स्नान करने का बहुत अधिक महत्व माना गया है। ऐसे में अगर आप भी गंगा दशहरा को मौके पर गंगा में आस्था की डुबकी लगाने का मन बना रहे हैं तो इन बातों का जरूर ध्यान रखें।

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    Ganga Dussehra 2025 (Picture Credit: Freepik) (AI Image)

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली।  मान्यता है कि गंगा दशहरा के दिन गंगा नदी में स्नान करने से साधक के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे पुण्यफलों की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि इसी तिथि पर देवी गंगा धरती पर अवतरित हुई थीं।

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    इस बार गंगा दशहरा का पर्व 5 जून को मनाया जाएगा। इस मौके पर गंगा स्नान के लिए लाखों की संख्या में भक्तों की भीड़ उमड़ती है। लेकिन अगर आप गंगा स्नान के दौरान इन नियमों का ध्यान नहीं रखते, तो इससे आपको स्नान का कोई लाभ नहीं मिलता। 

    गंगा स्नान के नियम

    सबसे पहले गंगा मैया का दर्शन करें और उन्हें हाथ जोड़कर प्रणाम करें। कभी भी गंगा में सबसे पहले अपना पैर न डालेंष इसके स्थान पर हाथ में थोड़ा-सा गंगाजल लेकर उसे अपने माथे से लगाएं। इसके बाद ही गंगा नदी में प्रवेश करें। स्नान के दौरान कम-से-कम 3, 5 या 7 डुबकी लगाएं और हर-हर गंगे का जप करते रहें। 

    (Picture Credit: Freepik)

    नहीं मिलेगा पूर्ण फल

    गंगा स्नान के समय कुछ नियमों का ध्यान जरूर रखना चाहिए, वरना आपको कोई लाभ नहीं मिलता। गंगा स्नान के दौरान कभी भी साबुन, शैम्पू जैसी चीजों का इस्तेमाल न करें और न ही गंगा में किसी भी तरह की गंदगी डालें।  ऐसा करने से आपको लाभ के स्थान पर अशुभ परिणाम मिल सकते हैं।

    वहीं यह भी माना जाता है कि महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान गंगा स्नान नहीं करना चाहिए। अगर आप इन सभी बातों का ध्यान रखते हुए श्रद्धा के साथ गंगा में डुबकी लगाते हैं, तो इससे आपके ऊपर देवी-देवताओं की कृपा बनी रहती है।

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    ध्यान रखें ये बातें

    हिंदू धर्म में मां गंगा को प्राणदायिनी माना जाता है। ऐसे में गंगा दशहरा या किसी भी अन्य दिन पर गंगा में कूड़ा कचरा नहीं फेंकना चाहिए। ऐसा करने वाला पाप का भागीदार बन सकते हैं। इसी के साथ अगर आप गंगाजल लेकर आ रहे हैं, तो उसकी पवित्रता और स्वच्छता का भी पूरी तरह से ध्यान रखें। 

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।