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    Gopashtami 2025 Date: 29 या 30 अक्टूबर, कब है गोपाष्टमी? नोट करें शुभ मुहूर्त और योग

    Updated: Tue, 28 Oct 2025 08:00 PM (IST)

    गोपाष्टमी (Gopashtami 2025 Date) हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है, जो भगवान कृष्ण और गौमाता को समर्पित है। इस दिन भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत उठाया था। वर्ष 2025 में, गोपाष्टमी 30 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इस शुभ अवसर पर रवि और शिववास योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है, जिसमें पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और घर में सुख-समृद्धि आती है।

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    Gopashtami 2025: गोपाष्टमी का धार्मिक महत्व 

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को गोपाष्टमी मनाई जाती है। यह पर्व भगवान कृष्ण और गौमाता को समर्पित होता है। इस शुभ अवसर पर जगत के पालनहार लीलाधारी भगवान कृष्ण और गौ माता की पूजा की जाती है। पूजा के समय गौमाता और गाय के बछड़ों को सजाया जाता है।

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    सनातन शास्त्रों में निहित है कि स्वर्ग नरेश इंद्र के अहंकार को तोड़ने के लिए भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठा लिया था। इस मुद्रा में भगवान कृष्ण सात दिनों तक रह गए थे। वहीं, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर स्वर्ग नरेश ने हार स्वीकार कर ली थी। आइए, गोपाष्टमी की सही तिथि, शुभ मुहूर्त और योग जानते हैं-

    गोपाष्टमी 2025 तिथि और मुहूर्त (Gopashtami 2025 Date and Shubh Muhurat)

    पंचाग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 29 अक्टूबर को सुबह 09 बजकर 23 मिनट पर होगी। वहीं, इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 30 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 06 मिनट पर होगा। इस प्रकार गोपाष्टमी का पर्व 30 अक्टूबर को मनाया जाएगा।

    गोपाष्टमी 2025 शुभ योग (Gopashtami 2025 Date and Shubh Yog)

    ज्योतिषियों की मानें तो कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर रवि और शिववास योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है। इन योग में भगवान कृष्ण और गौमाता की पूजा करने से घर की हर मनोकामना पूरी होगी। साथ ही घर में सुख, समृद्धि और खुशहाली आएगी।


    पंचांग

    • सूर्योदय- सुबह 06 बजकर 32 मिनट से
    • सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 37 मिनट तक
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 48 मिनट से 05 बजकर 40 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 55 मिनट से 02 बजकर 40 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 37 मिनट से 06 बजकर 03 मिनट तक
    • अभिजित मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 42 मिनट से 12 बजकर 27 मिनट तक।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है