Guruwar Ke Upay: गुरुवार के दिन करें अपराजिता फूल से ये उपाय, कई समस्याएं होंगी छूमंतर
हिंदू धर्म में ऐसे कई पेड़-पौधे बताए गए हैं जिन्हें घर में लगाना शुभ माना गया है। अपराजिता का फूल (Aparajita flower) धार्मिक महत्व रखता है। ऐसे में अगर आप गुरुवार के दिन अपराजिता फूल के कुछ उपाय करते हैं तो इससे आपको धन करियर और विवाह संबंधी कई समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित है। मान्यता है कि इस दिन प्रभु श्रीहरि और माता लक्ष्मी की पूजा करने से साधक को सुख-समृद्धि मिलती है। ऐसे में अगर आप इस दिन पर अपराजिता के फूल से कुछ उपाय करते हैं, तो इससे धन की देवी लक्ष्मी की कृपा आपके ऊपर बनी रहती है। साथ ही नकारात्मक ऊर्जा से भी छुटकारा पाया जा सकता है। चलिए जानते हैं इस बारे में।
मिलेगी धन की देवी की कृपा
गुरुवार के दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें। पूजा के दौरान अपराजिता के फूल अर्पित करें और "ॐ लक्ष्मी नारायणाय नमः" मंत्र का जप करें। पूजा के बाद इन फूलों को अपनी तिजोरी या पर्स में रख लें। ऐसा करने से देवी लक्ष्मी की कृपा आपको ऊपर बनी रहती है, जिससे धन की कमी दूर हो सकती है।
हर काम में मिलेगी सफलता
गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा के दौरान ओम नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जप कम-से-कम 51 बार करें। इसके बाद तुलसी की माला भगवान विष्णु को अर्पित कर दें। पूजा के अंत में अपनी मनोकामना बोलें और अपराजिता का फूल भगवान विष्णु को चढ़ाएं। इस उपाय को आपको कम-से-कम 11 गुरुवार तक करना है। ऐसा करने से आपके जरूरी कामों में आ रही बाधा दूर हो सकती है।
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(Picture Credit: Freepik)
दूर होगी नकारात्मक ऊर्जा
गुरुवार या फिर शुक्रवार के दिन घर में अपराजिता की बेल लगाना शुभ माना जाता है। इसके साथ ही शाम के समय अपराजिता के पौधे के पास दीपक जलाएं और प्रार्थना करें। ऐसा करने से घर से सभी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा दूर रहती है। बस इस बात का ध्यान रखें कि अपराजिता की बेल पर ज्यादा धूप नहीं आनी चाहिए, वरना इससे बेल को नुकसान पहुंच सकता है।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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