Hanuman Janmotsav 2025 Date: हनुमान जन्मोत्सव दो बार क्यों मनाया जाता है? जानें इसकी वजह
हनुमान जन्मोत्सव हर साल भक्ति भाव के साथ मनाया जाता है। इस दिन भक्त हनुमान जी की पूजा करते हैं जो साधक इस मौके पर राम भक्त की पूजा करते हैं उन्हें सभी कष्टों से छुटकारा मिलता है। हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल चैत्र पूर्णिमा (Chaitra Purnima 2025) के दिन हनुमान जन्मोत्सव (Hanuman Janmotsav 2025 Date) मनाया जाता है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। भगवान हनुमान के जन्मोत्सव का पर्व हिंदू धर्म में भक्ति और उत्साह के साथ मनाया जाता है। बजरंगबली को शक्ति, भक्ति और सेवा का प्रतीक माना जाता है। हनुमान जन्मोत्सव के दिन उनकी विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। हालांकि, कई बार तिथियों के कारण हनुमान जन्मोत्सव (Hanuman Janmotsav 2025) की तारीख को लेकर भक्तों में कन्फ्यूजन बनी रहती है, तो आइए इस आर्टिकल के जरिए आपकी कन्फ्यूजन को दूर करते हैं।
क्यों साल में दो बार आता है हनुमान जन्मोत्सव?
हनुमान जन्मोत्सव साल में दो बार आता है। उत्तर भारत में चैत्र पूर्णिमा को हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाता है। कहते हैं कि इस दिन हनुमान जी का अवतरण हुआ था। वहीं, दक्षिण भारत में कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाता है। इसके पीछे मान्यता है कि इस दिन भगवान हनुमान को देवी सीता ने अमर होने का वरदान दिया था।
हनुमान जन्मोत्सव का धार्मिक महत्व (Hanuman Janmotsav 2025 Significance)
हनुमान जन्मोत्सव का हिंदू धर्म में खास महत्व है। भगवान हनुमान को भगवान राम का परम भक्त माना जाता है। यह दिन भक्तों को उनकी शक्ति, भक्ति और निस्वार्थ सेवा के गुणों का प्रतीक है। इस दिन हनुमान मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना, भजन-कीर्तन और भंडारे आयोजित किए जाते हैं।
इसके साथ ही भक्त व्रत रखते हैं और विधिवत पूजा-पाठ करते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन सच्चे मन से हनुमान जी की आराधना करने से सभी कष्ट दूर होते हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
हनुमान जन्मोत्सव कब है? (Hanuman Janmotsav 2025 Kab Hai?)
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल हनुमान जन्मोत्सव यानी चैत्र महीने की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 12 अप्रैल को सुबह 3 बजकर 21 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन अगले दिन 13 अप्रैल को सुबह 5 बजकर 51 मिनट पर होगा। हिंदू धर्म में उदया तिथि का महत्व है। ऐसे में हनुमान जन्मोत्सव का पर्व 12 अप्रैल को मनाया जाएगा।
हनुमान जन्मोत्सव पूजा विधि (Hanuman Janmotsav 2025 Puja Vidhi)
- इस दिन सुबह उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
- एक वेदी पर भगवान हनुमान की प्रतिमा स्थापित करें।
- उन्हें गंगाजल से स्नान कराएं।
- सिंदूर और चमेली का तेल अर्पित करें।
- फूल, फल और मिठाई का भोग लगाएं।
- हनुमान चालीसा, बजरंग बाण और हनुमान अष्टक का पाठ करें।
- भाव के साथ आरती करें।
- इस दिन अखंड रामायण का पाठ भी शुभ माना जाता है।
- अंत में पूजा में हुई गलतियों के लिए माफी मांगे।
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