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    त्रयोदशी तिथि का क्षय होने से इस बार 24 जुलाई को है हरियाली अमावस्या, जानिए शुभ मुहूर्त

    Updated: Wed, 23 Jul 2025 05:09 PM (IST)

    इस बार त्रयोदशी तिथि के क्षय होने के कारण हरियाली अमावस्या 24 जुलाई को मनाई जाएगी। अमावस्या तिथि 23 जुलाई की रात से शुरू होकर 24 जुलाई की रात तक रहेगी। इस दिन स्नान और दान का विशेष महत्व है। यह तिथि पितरों को समर्पित है इसलिए इस दिन दान पुण्य और तर्पण करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।

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    शिवालय में एक दीपक लगाकर 108 बार 'ओम नमः शिवाय' मंत्र का जाप जरूर करें।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। इस बार त्रयोदशी तिथि का क्षय हो रहा है। इसलिए 22 जुलाई को प्रदोष व्रत और 23 जुलाई को चतुर्दशी तिथि यानी सावन की शिवरात्रि का त्योहार मनाया गया। ऐसे में 24 जुलाई 2025 को हरियाली अमावस्या मनाई जाएगी। 

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    दरअसल, अमावस्या तिथि 23 जुलाई को रात 2.29 मिनट से लेकर 24 तारीख को रात 12.41 पर रहेगी। लिहाजा, उदिया तिथि को लेने के चलते 24 जुलाई को अमावस्या मनाई जाएगी। इस दिन स्नान और दान करना बहुत शुभ माना जाता है।  

    अमावस्या की तिथि विशेष रूप से पितरों को समर्पित मानी जाती है। इसलिए हर महीने इस तिथि पर पितरों के लिए किए गए दान, पुण्य और तर्पण का विधान किया जाता है। इससे पितृों की आत्मा को शांति मिलती है। इसके अलावा नवग्रहों की शांति के लिए भी यह तिथि बहुत शुभ मानी जाती है।  

    ये शुभ योग बनेंगे

    गुरु पुष्य योग: ज्ञान, समृद्धि और धार्मिक प्रगति के लिए इस योग में पढ़ने और धर्म-कर्म के काम करें। 

    सर्वार्थ सिद्धि योग: सभी कार्यों में सफलता और सिद्धि के लिए इस योग में कार्य शुरू किए जाते हैं। 

    अमृत सिद्धि योग: इस योग को स्वास्थ्य, दीर्घायु और समृद्धि दिलाने वाला योग माना जाता है।

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    ये उपाय करें 

    शिवालय में एक दीपक लगाकर 108 बार 'ओम नमः शिवाय' मंत्र का जाप जरूर करें। इस उपाय को करने से जातक को भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त हो सकती है। सुख-समृद्धि और संपत्ति मिलती है।

    इस दिन पितरों की पूजा करें और उनकी आत्मा की शांति के लिए तर्पण करें। ऐसा करने से पितृदोष नहीं होता है। यदि यह दोष है भी, तो उसका निवारण होता है, जिससे परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।

    गरीबों और जरूरतमंद लोगों को अन्न और वस्त्र का यथा संभव दान करना चाहिए। इससे व्यक्ति के जीवन में पुण्य बढ़ते हैं, जिससे जीवन में समृद्धि आती है और सुख-शांति बनी रहती है।

    पीपल के पेड़ की पूजा करें और दीपक जलाएं। इससे शत्रुओं की परेशानी दूर होती है और बाधाओं का अंत होता है। साथ ही जीवन में सकारात्मक ऊर्जा भी मिलती है। 

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।