Hariyali Amavasya पर तर्पण के समय जरूर करें ये खास उपाय, पितृ दोष से मिलेगी मुक्ति
हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya 2025) के दिन देवों के देव महादेव का जलाभिषेक करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। साथ ही साधक के घर में सुख शांति और खुशहाली आती है। इस दिन जरूरतमंदों को भोजन कराना पुण्यकारी माना जाता है। इस शुभ अवसर पर दान-पुण्य भी किया जाता है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में हरियाली अमावस्या का खास महत्व है। इस शुभ अवसर पर बड़ी संख्या में साधक गंगा समेत अन्य पवित्र नदियों में आस्था की डुबकी लगाते हैं। इसके बाद गंगाजल से भगवान शिव का अभिषेक करते हैं। साथ ही पितरों का तर्पण एवं पिंडदान करते हैं।
गरुड़ पुराण में वर्णित है कि हरियाली अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण करने से तीन पीढ़ी के पूर्वजों का उद्धार होता है। आसान शब्दों में कहें तो पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। वहीं, साधक पर पितरों की कृपा बरसती है। उनकी कृपा से साधक के जीवन में सुखों का आगमन होता है।
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अगर आप भी पितरों की कृपा पाना चाहते हैं या पितृ दोष से पीड़ित हैं, तो हरियाली अमावस्या के दिन भक्ति भाव से देवों के देव महादेव की पूजा करें। साथ ही पितरों का तर्पण करें। वहीं, तर्पण के समय ये खास उपाय जरूर करें।
पितृ दोष के उपाय
- हरियाली अमावस्या के दिन गंगा स्नान करें। अगर सुविधा नहीं है, तो घर पर पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान और ध्यान करें। इसके बाद हथेली में जल लेकर आचमन करें। अब गंगाजल में काले तिल और बेलपत्र मिलाकर देवों के देव महादेव का अभिषेक करें।
- पितरों को प्रसन्न करने के लिए हरियाली अमावस्या के दिन पीपल वृक्ष को जल का अर्घ्य दें। इस उपाय को करने से पितृ की कृपा साधक पर बरसती है। मत है कि पीपल में पितरों का वास होता है।
- हरियाली अमावस्या के दिन स्नान-ध्यान के बाद गंगाजल में काले तिल और जौ मिलाकर दक्षिण दिशा में मुखकर पितरों का तर्पण करें। व्यक्ति अपने तीन पीढ़ी के पितरों को मोक्ष दिलाने के लिए तीन बार तर्पण करें।
- अगर आप पितृ दोष से छुटकरा पाना चाहते हैं, तो हरियाली अमावस्या के दिन में पितरों का तर्पण करें। वहीं संध्याकाल में छत पर दक्षिण दिशा में दीपक जलाकर रख दें। इस समय पितरों से सुख, समृद्धि और वंश वृद्धि की कामना करें।
- हरियाली अमावस्या के दिन जरूरतमंदों और ब्राह्मणों को अन्न, वस्त्र और धन का दान दें। इसके साथ ही पशु और पक्षियों को भोजन दें। आप चावल, गेहूं, आलू, हरी सब्जी, हरे फल, नमक, काले तिल, छाता, चमड़े के जूते- चप्पल और कपड़े का का दान करें।
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