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    Indira Ekadashi 2025: इंदिरा एकादशी पूजा विधि, मुहूर्त और भोग से लेकर नोट करें सारी डिटेल्स

    Updated: Wed, 17 Sep 2025 08:25 AM (IST)

    इंदिरा एकादशी (Indira Ekadashi 2025) पितृ पक्ष में मनाई जाती है और यह भगवान विष्णु को समर्पित है। इस एकादशी का पितरों की आत्मा शांति के लिए विशेष महत्व है। कहा जाता है कि इस व्रत को करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और पितरों को मोक्ष मिलता है।

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    Indira Ekadashi 2025: इंदिरा एकादशी पूजा विधि।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। पितृ पक्ष के दौरान पड़ने वाली एकादशी को इंदिरा एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस एकादशी का विशेष महत्व है, क्योंकि इसे पितरों की आत्मा की शांति और मोक्ष के लिए सबसे शुभ माना जाता है। इस व्रत (Indira Ekadashi 2025) को करने से न सिर्फ भगवान विष्णु खुश होते हैं, बल्कि पितरों को भी मोक्ष की प्राप्ति होती है। ऐसे में जब आज यह व्रत रखा जा रहा है, तो आइए इस तिथि से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं, जो इस प्रकार हैं।

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    पूजा मुहूर्त (Indira Ekadashi 2025 Puja Time)

    पंचांग गणना के आधार पर परिघ योग का समापन 17 सितंबर को देर रात 10 बजकर 55 मिनट पर होगा। जबकि शिववास देर रात 11 बजकर 39 मिनट तक रहेगा। वहीं, आज पूरे दिन पुष्य नक्षत्र भी है। ऐसे में आज भगवान विष्णु की उपासना के लिए पूरा दिन ही शुभ माना जा रहा है।

    इंदिरा एकादशी 2025 पारण टाइम (Indira Ekadashi 2025 Vrat Paran Time)

    इंदिरा एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि के दिन होता है। हिंदू पंचाग के अनुसार, व्रत पारण करने का शुभ मुहूर्त 18 सितंबर (Indira Ekadashi shubh muhurat) को सुबह 06 बजकर 07 मिनट से लेकर 08 बजकर 34 मिनट के बीच किया जाएगा।

    इंदिरा एकादशी पूजा विधि (Indira Ekadashi 2025 Puja Vidhi)

    • शाम के समय सात्विक भोजन करें और ब्रह्मचर्य का पालन करें।
    • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
    • भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें।
    • पूजा स्थल को साफ करें और भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें।
    • भगवान विष्णु को गंगाजल से स्नान कराएं।
    • उन्हें पीला चंदन, पीले फूल, तुलसी दल और पंचामृत का भोग लगाएं।
    • दीपक और धूप जलाएं।
    • इंदिरा एकादशी की व्रत कथा सुनें या पढ़ें।
    • इस दिन पितरों के लिए तर्पण और पिंडदान करना भी बहुत शुभ माना जाता है। ऐसे में अपने पितरों का तर्पण जरूर करें और दान-दक्षिणा दें।

    श्री हरि को क्या भोग लगाएं? (Indira Ekadashi 2025 Bhog List)

    भगवान विष्णु को पीली चीजें बहुत प्रिय हैं, इसलिए उन्हें भोग में पीली मिठाई जैसे बेसन के लड्डू, केला, या पीले फल चढ़ाएं। इसके अलावा पंजीरी, पंचामृत और तुलसी दल जरूर शामिल करें, क्योंकि तुलसी के बिना भगवान विष्णु भोग स्वीकार नहीं करते हैं।

    भगवान विष्णु पूजा मंत्र (Indira Ekadashi 2025 Puja Mantra)

    • ॐ नमोः नारायणाय॥
    • ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय॥

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।