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    Jitiya Vrat 2025: जितिया व्रत पर शिववास योग समेत बन रहे हैं ये अद्भुत संयोग, मिलेगा दोगुना फल

    Updated: Wed, 10 Sep 2025 06:46 PM (IST)

    प्रत्येक माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर मासिक कालाष्टमी मनाई जाती है। आश्विन माह में यह पर्व 14 सितंबर को मनाया जाएगा। आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर जितिया व्रत (Jitiya Vrat 2025) भी मनाया जाता है। इस दिन पुत्र की लंबी आयु के लिए विवाहित महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं।

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    Jitiya Vrat 2025: जितिया व्रत का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर साल आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जितिया मनाया जाता है। यह पर्व बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड समेत नेपाल के कई हिस्सों में उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है। इस साल 14 सितंबर को आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी है। अत: 14 सितंबर को जितिया व्रत रखा जाएगा। इस व्रत के पुण्य-प्रताप से पुत्र की आयु लंबी होती है। साथ ही पुत्र के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है।

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    ज्योतिषियों की मानें तो आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी यानी जितिया व्रत (Jitiya Vrat 2025) पर शिववास योग समेत कई मंगलकारी शुभ संयोग बन रहे हैं। इन योग में जीमूतवाहन की पूजा करने से व्रती को मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी। आइए जानते हैं-

    जितिया व्रत शुभ मुहूर्त (Jitiya Vrat Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 14 सितंबर को सुबह 05 बजकर 04 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 15 सितंबर को देर रात 03 बजकर 06 मिनट पर होगा। इसके बाद नवमी तिथि शुरू हो जाएगी। इस प्रकार 14 सितंबर को जितिया का व्रत रखा जाएगा। वहीं, 15 सितंबर को पारण किया जाएगा।

    सिद्ध योग

    जितिया व्रत पर सिद्ध का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण सुबह 07 बजकर 36 मिनट से हो रहा है। ज्योतिष सिद्ध योग को बेहद शुभ मानते हैं। इस योग में भगवान शिव की पूजा करने से साधक को मनचाहा वरदान मिलेगा। साथ ही पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होगा।

    शिववास योग

    जितिया व्रत पर शिववास योग का भी संयोग बन रहा है। आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर शिववास योग देर रात 03 बजकर 06 मिनट तक है। इस दौरान देवों के देव महादेव कैलाश पर जगत की देवी मां पार्वती के साथ रहेंगे। भगवान शिव की पूजा करने से व्रती को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होगी।

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 05 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 27 मिनट पर
    • चन्द्रोदय- देर रात 11 बजकर 18 मिनट पर
    • चंद्रास्त- दोपहर 01 बजकर 11 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 33 मिनट से 05 बजकर 19 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 20 मिनट से 03 बजकर 09 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 27 मिनट से 06 बजकर 51 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 53 मिनट से 12 बजकर 40 मिनट तक

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।