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    Jyeshtha Purnima 2025: साध्य और शुभ योग समेत कई मंगलकारी संयोग में मनाई जाएगी ज्येष्ठ पूर्णिमा

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Tue, 03 Jun 2025 05:02 PM (IST)

    ज्येष्ठ पूर्णिमा (Jyeshtha Purnima 2025) के अगले दिन से आषाढ़ महीने की शुरुआत होगी। आषाढ़ महीने में कई प्रमुख व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं। इस महीने में देवशयनी एकादशी मनाई जाती है। देवशयनी एकादशी के दिन से भगवान विष्णु क्षीर सागर में लगातार चार महीने तक विश्राम करने चले जाते हैं।

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    Jyeshtha Purnima 2025: ज्येष्ठ पूर्णिमा का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि का खास महत्व है। यह दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित होता है। भगवान विष्णु को श्रीसत्यनारायण भी कहते हैं। अतः पूर्णिमा तिथि पर श्री सत्यनारायण भगवान की पूजा की जाती है। इस शुभ अवसर पर साधक गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान करते हैं। इसके बाद भक्ति भाव से लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करते हैं। वहीं, पूजा के बाद आर्थिक स्थिति के अनुसार दान करते हैं।

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    ज्योतिषियों की मानें तो ज्येष्ठ पूर्णिमा तिथि पर शुभ और साध्य समेत कई मंगलकारी योग बन रहे हैं। इन योग में लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी। साथ ही घर में खुशियों का आगमन होगा। आइए, ज्येष्ठ पूर्णिमा (Jyeshtha Purnima 2025) की सही डेट, शुभ मुहूर्त और योग के बारे में जानते हैं-

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    ज्येष्ठ पूर्णिमा शुभ मुहूर्त (Jyeshtha Purnima 2025 Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, 10 जून को सुबह 11 बजकर 35 मिनट पर ज्येष्ठ पूर्णिमा की शुरुआत होगी। वहीं, 11 जून को दोपहर 01 बजकर 13 मिनट पर पूर्णिमा तिथि समाप्त होगी। ज्योतिषियों की मानें तो 10 जून को वट पूर्णिमा व्रत है। वहीं, 11 जून (Kab Hai Jyeshtha Purnima 2025) को ज्येष्ठ पूर्णिमा का स्नान-दान किया जाएगा।

    साध्य योग

    ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन साध्य योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का संयोग दोपहर 02 बजकर 04 मिनट तक है। ज्योतिष साध्य योग को शुभ मानते हैं। इस योग में लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी।

    शुभ योग

    ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का संयोग दोपहर 02 बजकर 05 मिनट से हो रहा है। वहीं, शुभ योग का समापन 12 जून को दोपहर 02 बजकर 05 मिनट पर होगा। इस दौरान भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करने से शुभ कामों में सफलता मिलेगी।

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 23 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 07 बजकर 19 मिनट पर
    • चंद्रोदय- रात 07 बजकर 42 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 02 मिनट से 04 बजकर 42 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 40 मिनट से 03 बजकर 36 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 18 मिनट से 07 बजकर 38 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 01 मिनट से 12 बजकर 41 मिनट तक

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।