खूब मेहनत के बाद भी कारोबार में नहीं मिल रही सफलता, तो Jyeshtha Purnima के दिन जरूर करें तुलसी के ये उपाय
वैदिक पंचांग के अनुसार इस बार ज्येष्ठ पूर्णिमा 11 जून (Jyeshtha Purnima 2025 Date) को मनाई जाएगी। इस दिन श्रीहरि और मां लक्ष्मी के संग तुलसी के पौधे की पूजा करने का विशेष महत्व है। इससे साधक को जीवन में शुभ फल की प्राप्ति होती है। साथ ही रुके हुए काम पूरे होते हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है। इस खास अवसर पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही श्रद्धा अनुसार दान मंदिर या गरीब लोगों में करना चाहिए। धार्मिक मान्यता के अनुसार, पूर्णिमा के दिन उपासना करने से श्रीहरि और मां लक्ष्मी की कृपा बरसती है। अगर आप भी मां लक्ष्मी को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो ज्येष्ठ पूर्णिमा (Jyeshtha Purnima 2025) के दिन तुलसी (Tulsi ke Upay) से जुड़े उपाय जरूर करें। इन उपायों को करने से जीवन के सभी संकट दूर होते हैं।
सभी संकट होंगे दूर
अगर आप जीवन में लंबे समय से संकटों का सामना कर रहे हैं, तो ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन तुलसी के पौधे में गन्ने का रस अर्पित करें। साथ ही दीपक जलाकर आरती करें। इस टोटके को सच्चे मन से करने से सभी तरह के संकट दूर होते हैं। जीवन में खुशियों का आगमन होता है।
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कारोबार में होगी वृद्धि
कारोबार में वृद्धि के लिए ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन तुलसी के पास देसी घी का दीपक जलाएं। साथ ही फल और मिठाई का भोग लगाएं। ऐसा माना जाता है कि इस टोटके को करने से कारोबार में अधिक तरक्की होती है और देवी लक्ष्मी की कृपा बरसती है।
सभी मुरादें होंगी पूरी
जगत के पालनहार भगवान विष्णु को तुलसी का पौधा प्रिय है। अगर आप मां लक्ष्मी प्रसन्न को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो इसके लिए ज्येष्ठ पूर्णिमा का दिन सुभ माना जाता है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने के बाद पीले धागे में 108 गांठ लगाएं और उसे तुलसी के पौधें में बांध दें। ऐसा माना जाता है कि इस उपाय को करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और साधक की सभी मुरादें पूरी करती हैं।
रुके हुए काम होंगे पूरे
अगर आप सभी कामों में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं, तो ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन तुलसी को लाल चुनरी और कच्चा दूध अर्पित करें। साथ ही जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति के लिए कामना करें। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस उपाय को करने से रुके हुए काम पूरे होते हैं। साथ ही मां लक्ष्मी की कृपा बरसती है।
मां तुलसी का पूजन मंत्र
तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।
धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।
लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।
तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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