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    Jyeshtha Purnima 2025: ज्येष्ठ पूर्णिमा की रात कर लें ये उपाय, करियर में मिलेगी सफलता

    Updated: Wed, 11 Jun 2025 10:46 AM (IST)

    ज्येष्ठ पूर्णिमा (Jyeshtha Purnima 2025) हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण मानी जाती है। यह भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी को समर्पित है। इस दिन गंगा स्नान का महत्व है। इस दिन चंद्रमा को अर्घ्य देने और ॐ चंद्राय नमः मंत्र का जाप करने से मन शांत होता है तो आइए इस दिन से जुड़े और भी खास उपायों के बारे में जानते हैं जो इस प्रकार हैं।

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    Jyeshtha Purnima 2025: ज्येष्ठ पूर्णिमा की रात करें ये खास उपाय।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। ज्येष्ठ महीने की पूर्णिमा का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। यह तिथि भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी को समर्पित है। इस दिन किए गए धार्मिक कार्यों का दोगुना शुभ फल मिलता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल ज्येष्ठ पूर्णिमा (Jyeshtha Purnima 2025) आज यानी 11 जून को मनाई जा रही है। इस दिन गंगा स्नान का भी अपना महत्व है। वहीं, इस तिथि पर रात्रि के लिए कई सारे उपाय बताए गए, हैं जिन्हें करने से जीवन में खुशहाली आती है।

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    साथ ही जीवन में सुख, समृद्धि और शांति आती है, तो आइए उन उपाय (yeshtha Purnima Upay 2025) के बारे में जानते हैं।

    ज्येष्ठ पूर्णिमा की रात करें ये खास उपाय (Full Moon Remedies)

    • चंद्रमा को अर्घ्य - ज्येष्ठ पूर्णिमा की रात चंद्रमा अपनी 16 कलाओं में होता है। इस दिन रात को चंद्रमा को दूध और जल मिलाकर अर्घ्य दें। अर्घ्य देते समय 'ॐ चंद्राय नमः' मंत्र का जाप करें। यह मन को शांत करता है और सकारात्मक ऊर्जा देता है।
    • देवी लक्ष्मी की पूजा - पूर्णिमा की रात देवी लक्ष्मी को खुश करने के लिए शुभ मानी जाती है। ऐसे में रात के समय घर के ईशान कोण में एक चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर देवी लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें। उन्हें कमल गट्टे की माला, कौड़ियां, अक्षत, रोली और फूल आदि चढ़ाएं। 'श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं कमलवासिन्यै नमः' मंत्र का 108 बार जप करें। इससे धन-धान्य में वृद्धि होती है।
    • तुलसी पूजन - तुलसी को भगवान विष्णु को बेहद प्रिय हैं। इसलिए पूर्णिमा की रात तुलसी के पौधे के सामने घी का दीपक जलाएं और 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जाप करते हुए 11 या 21 बार परिक्रमा करें। इससे घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
    • पीपल वृक्ष की पूजा - अगर हो पाए तो पूर्णिमा की रात पीपल के वृक्ष पर जल चढ़ाएं और दीपक जलाएं। पीपल में त्रिदेवों का वास माना जाता है। कहते हैं ऐसा करने से पितृ दोष और ग्रह दोष शांत होते हैं।
    • दान का महत्व - पूर्णिमा के दिन दान का विशेष महत्व है। ऐसे में रात को जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र या धन का दान करने का संकल्प लें। फिर अगले दिन सुबह उन चीजों का दान करें। कहा जाता है कि इससे पुण्य फल की प्राप्ति होती है और ग्रहों की स्थिति अनुकूल होती है।
    • सत्यनारायण कथा - इस तिथि पर रात के समय भगवान सत्यनारायण की कथा का पाठ करें या सुनें। यह कथा भगवान विष्णु को समर्पित है और इसे सुनने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।