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    Kartik Purnima 2025 Date: कब है कार्तिक पूर्णिमा? यहां पढ़ें तिथि और शुभ मुहूर्त

    Updated: Mon, 27 Oct 2025 11:52 AM (IST)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, हर माह के शुक्ल पक्ष की आखिरी तिथि पर पूर्णिमा (Kartik Purnima 2025) का पर्व मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विशेष पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही गंगा स्नान और दान करने का खास महत्व है। ऐसे में चलिए जानते हैं कब मनाई जाएगी कार्तिक पूर्णिमा।

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    Kartik Purnima 2025: कार्तिक पूर्णिमा का धार्मिक महत्व 

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन शास्त्रों हर तिथि का खास महत्व बताया गया है, जिसमें पूर्णिमा तिथि भी शामिल है। कार्तिक माह में कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima 2025) मनाई जाती है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना होती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन श्रीहरि की उपासना करने से साधक को जीवन में सभी सुखों की प्राप्ति होती है। इस दिन गंगा स्नान करने के बाद अन्न-धन समेत आदि चीजों का दान करने से धन लाभ के योग बनते हैं और शुभ फल की प्राप्ति होती है।

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    कार्तिक पूर्णिमा 2025 डेट और टाइम (Kartik Purnima 2025 Date and Time)


    वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के पूर्णिमा (kartik purnima 2025 kis din hai) तिथि की शुरुआत 04 नवंबर को रात 10 बजकर 36 मिनट पर होगी और इस तिथि का समापन 05 नवंबर (kartik purnima 2025 mein kab hai) को शाम 06 बजकर 48 मिनट पर होगा। ऐसे में कार्तिक पूर्णिमा का त्योहार 05 नवंबर (Kartik Purnima 2025 Date) को मनाया जाएगा।

    सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 28 मिनट पर
    सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 40 मिनट पर
    चंद्रोदय- शाम 07 बजकर 20 मिनट पर
    चंद्रास्त- नहीं।
    ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 46 मिनट से 05 बजकर 37 मिनट तक
    विजय मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 56 मिनट से 02 बजकर 41 मिनट तक
    गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 40 मिनट से 06 बजकर 05 मिनट तक

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    कार्तिक पूर्णिमा पूजा विधि (Kartik Purnima Puja Vidhi)


    इस दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान करने के बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें। मंदिर की सफाई करने के बाद चौकी पर साफ पीला कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की प्रतिमा को विराजमान करें। फूलमाला अर्पित करें। इसके बाद दीपक जलाकर आरती करें। मंत्रों का जप करें। विष्णु चालीसा का पाठ करें। जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति के लिए कामना करें। फल और मिठाई समेत आदि चीजों का भोग लगाएं। आखिरी में लोगों में प्रसाद वितरण कर स्वयं ग्रहण करें।

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    प्रसन्न होंगी मां लक्ष्मी


    कार्तिक पूर्णिमा के दिन पूजा के दौरान मां लक्ष्मी के मंत्रों का जप और श्री सूक्त का पाठ करना बहुत ही शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस उपाय को करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और उनकी कृपा से जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। इसके अलावा इस दिन मंदिर या गरीब लोगों में दान जरूर करना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति को जीवन में किसी भी चीज की कमी नहीं होती है। 

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।