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    Vishwakarma Puja 2024: 16 या 17 सितंबर कब है विश्वकर्मा पूजा? जानें शुभ मुहूर्त और विधि

    Updated: Sat, 14 Sep 2024 11:25 AM (IST)

    विश्वकर्मा पूजा पूरे भारत में धूमधाम के साथ मनाई जाती है। भगवान विश्वकर्मा को सृजन और वास्तुकला का देवता माना जाता है। इस दिन भक्त अपने-अपने क्षेत्र में प्रगति और समृद्धि के लिए विश्वकर्मा जी की विधिवत पूजा करते हैं और उनका आशीर्वाद मांगते हैं तो आइए यहां विश्वकर्मा पूजा (When Is Vishwakarma Puja 2024?) की सही तिथि जानते हैं।

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    Vishwakarma Puja 2024: कब है विश्वकर्मा पूजा ?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। विश्वकर्मा पूजा हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है। इसे विश्वकर्मा जयंती व विश्वकर्म दिवस के नाम से भी जाना जाता है। यह दिन ब्रह्मांड के दिव्य वास्तुकार भगवान विश्वकर्मा को समर्पित है। इस दिन लोग अपने वाहन, मशीन, औजार, कलपुर्जे, दुकान आदि की पूजा करते हैं। साथ ही घर में विभिन्न प्रकार के पूजा अनुष्ठान करते हैं। इस पर्व (Vishwakarma Puja 2024) की तिथि को लेकर लोगों के मन में काफी कन्फ्यूजन बनी हुई है, जिसे आज हम दूर करेंगे।

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    कब है विश्वकर्मा पूजा ? (Kab hai Vishwakarma Puja 2024?)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल विश्वकर्मा पूजा के लिए जरूरी कन्या संक्रांति 16 सितंबर को है। इस दिन सूर्य देव शाम को 07 बजकर 53 मिनट पर कन्या राशि में प्रवेश करेंगे। परिवर्तन के समय को ही कन्या संक्रांति कहा जाता है। हिंदू धर्म में उदया तिथि मान्य होती है, इसलिए विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर यानी मंगलवार के दिन मनाई जाएगी।

    विश्वकर्मा पूजा मुहूर्त 2024

    विश्वकर्मा पूजा सुबह 06 बजकर 07 मिनट से 11 बजकर 44 मिनट तक कर सकते हैं।

    विश्वकर्मा पूजन नियम

    कार्यस्थल की सफाई करें और उसे सजाएं। पूजा करने से पहले सभी उपकरणों को फूलों से सजाएं है। उपकरणों पर कुमकुम लगाएं और फूल आदि अर्पित करें। फिर दीपक दिखाएं। भगवान विश्वकर्मा की भी विधिवत पूजा करें। तामसिक चीजों से परहेज करें। पूजा के समय क्लेश न करें। भगवान विश्वकर्मा का आशीर्वाद पाने के लिए मिठाइयां, फल और अन्य प्रसाद अर्पित करें। भगवान विश्वकर्मा के वैदिक मंत्रों का जाप करें। गरीबों की मदद करें। पूजा में हुई गलतियों के लिए क्षमा याचना करें।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।