Kartik Purnima 2024: कार्तिक पूर्णिमा पर करें इस स्तोत्र का पाठ, धन-समृद्धि की नहीं होगी कोई कमी
हिंदू धर्म में पूर्णिमा (Kartik Purnima 2024) तिथि महत्वपूर्ण तिथियों में से एक मानी जाती है। इस तिथि पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु के साथ-साथ धन की देवी की पूजा-अर्चना की जाती है। ऐसे में आप इस दिन पूजा के दौरान श्री कनकधारा स्तोत्र का पाठ करके शुभ फलों की प्राप्ति कर सकते हैं। तो चलिए पढ़ते हैं श्री कनकधारा स्तोत्र।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। कार्तिक माह में आने वाली पूर्णिमा (Kartik Purnima 2024 Date) विशेष महत्व रखती है। साथ ही यह तिथि मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्ति के लिए भी काफी उत्तम मानी गई है। ऐसे में आप कार्तिक पूर्णिमा के दिन ये काम कर सकते हैं, जिससे आप मां लक्ष्मी की विशेष कृपा की प्राप्ति हो सकती है।
शरद पूर्णिमा शुभ मुहूर्त (Sharad Purnima 2024 Date)
हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि 15 नवंबर को सुबह 06 बजकर 19 मिनट पर शुरू हो रही है। वहीं, इस तिथि का समापन 16 नवंबर को देर रात 02 बजकर 58 मिनट पर होगा। ऐसे में शरद पूर्णिमा का व्रत शुक्रवार, 15 नवंबर को किया जा रहा है। इस दिन चंद्रोदय का समय कुछ इस प्रकार रहेगा -
कार्तिक पूर्णिमा के दिन चन्द्रोदय - शाम 05 बजकर 31 मिनट पर
श्री कनकधारा स्तोत्रम् (Shri Kanakdhara Stotra)
अंगहरे पुलकभूषण माश्रयन्ती भृगांगनैव मुकुलाभरणं तमालम।अंगीकृताखिल विभूतिरपांगलीला मांगल्यदास्तु मम मंगलदेवताया:।।
मुग्ध्या मुहुर्विदधती वदनै मुरारै: प्रेमत्रपाप्रणिहितानि गतागतानि।माला दृशोर्मधुकर विमहोत्पले या सा मै श्रियं दिशतु सागर सम्भवाया:।।
विश्वामरेन्द्रपदविभ्रमदानदक्षमानन्द हेतु रधिकं मधुविद्विषोपि।ईषन्निषीदतु मयि क्षणमीक्षणार्द्धमिन्दोवरोदर सहोदरमिन्दिराय:।।आमीलिताक्षमधिगम्य मुदा मुकुन्दमानन्दकन्दम निमेषमनंगतन्त्रम्।आकेकर स्थित कनी निकपक्ष्म नेत्रं भूत्यै भवेन्मम भुजंगरायांगनाया:।।बाह्यन्तरे मधुजित: श्रितकौस्तुभै या हारावलीव हरिनीलमयी विभाति।कामप्रदा भगवतो पि कटाक्षमाला कल्याण भावहतु मे कमलालयाया:।।
पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन विधिवत रूप से धन की धन की देवी की पूजा से वह साधक को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं।यह भी पढ़ें - Dev Deepawali 2024 Date: इस दिन मनाई जाएगी देव दीपावली, जानिए पूजन विधि और शुभ मुहूर्त
कालाम्बुदालिललितोरसि कैटभारेर्धाराधरे स्फुरति या तडिदंगनेव्।मातु: समस्त जगतां महनीय मूर्तिभद्राणि मे दिशतु भार्गवनन्दनाया:।।प्राप्तं पदं प्रथमत: किल यत्प्रभावान्मांगल्य भाजि: मधुमायनि मन्मथेन।मध्यापतेत दिह मन्थर मीक्षणार्द्ध मन्दालसं च मकरालयकन्यकाया:।।दद्याद दयानुपवनो द्रविणाम्बुधाराम स्मिभकिंचन विहंग शिशौ विषण्ण।
दुष्कर्मधर्ममपनीय चिराय दूरं नारायण प्रणयिनी नयनाम्बुवाह:।।इष्टा विशिष्टमतयो पि यथा ययार्द्रदृष्टया त्रिविष्टपपदं सुलभं लभंते।दृष्टि: प्रहूष्टकमलोदर दीप्ति रिष्टां पुष्टि कृषीष्ट मम पुष्कर विष्टराया:।।गीर्देवतैति गरुड़ध्वज भामिनीति शाकम्भरीति शशिशेखर वल्लभेति।सृष्टि स्थिति प्रलय केलिषु संस्थितायै तस्यै नमस्त्रि भुवनैक गुरोस्तरूण्यै ।।श्रुत्यै नमोस्तु शुभकर्मफल प्रसूत्यै रत्यै नमोस्तु रमणीय गुणार्णवायै।
शक्तयै नमोस्तु शतपात्र निकेतानायै पुष्टयै नमोस्तु पुरूषोत्तम वल्लभायै।।पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी की पूजा के दौरान श्री कनकधारा स्तोत्र का पाठ जरूर करना चाहिए। ऐसा करने से साधक को धन की देवी की असीम कृपा की प्राप्ति होती है, जिससे साधक को धन की समस्या का सामना नहीं करना पड़ता।नमोस्तु नालीक निभाननायै नमोस्तु दुग्धौदधि जन्म भूत्यै ।नमोस्तु सोमामृत सोदरायै नमोस्तु नारायण वल्लभायै।।
सम्पतकराणि सकलेन्द्रिय नन्दानि साम्राज्यदान विभवानि सरोरूहाक्षि।त्व द्वंदनानि दुरिता हरणाद्यतानि मामेव मातर निशं कलयन्तु नान्यम्।।यत्कटाक्षसमुपासना विधि: सेवकस्य कलार्थ सम्पद:।संतनोति वचनांगमानसंसत्वां मुरारिहृदयेश्वरीं भजे।।(Picture Credit: Freepik) (AI Image)
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दग्धिस्तिमि: कनकुंभमुखा व सृष्टिस्वर्वाहिनी विमलचारू जल प्लुतांगीम।प्रातर्नमामि जगतां जननीमशेष लोकाधिनाथ गृहिणी ममृताब्धिपुत्रीम्।।पूर्णिमा तिथि के दिन पवित्र नदी में स्नान करने व दान-पुण्य का भी विशेष महत्व माना गया है। ऐसा करने से साधक पर देवी-देवताओं का आशीर्वाद बना रहता है और जीवन में खुशहाली आती है।कमले कमलाक्षवल्लभे त्वं करुणापूरतरां गतैरपाड़ंगै:।
अवलोकय माम किंचनानां प्रथमं पात्रमकृत्रिमं दयाया : ।।स्तुवन्ति ये स्तुतिभिर भूमिरन्वहं त्रयीमयीं त्रिभुवनमातरं रमाम्।गुणाधिका गुरुतरभाग्यभागिनो भवन्ति ते बुधभाविताया:।।अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।