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    Kartik Purnima 2025 Date: कार्तिक पूर्णिमा के दिन इस मुहूर्त करें गंगा स्नान और दान, पढ़ें पूजा विधि

    Updated: Wed, 05 Nov 2025 06:30 AM (IST)

    Kartik Purnima 2025 Date वैदिक पंचाग के अनुसार, हर माह के आखिरी में पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। कार्तिक माह में कार्तिक पूर्णिमा का त्योहार बेहद उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और महादेव की पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही गंगा और दीपदान करना चाहिए।

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    Kartik Purnima 2025 Puja Vidhi: कार्तिक पूर्णिमा पर करें कैसे करें पूजा (Image Source: AI-Generated) 

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima 2025) का दिन भगवान विष्णु और महादेव की कृपा प्राप्त करने के लिए शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा के दिन पूजा-अर्चना, गंगा स्नान और दीपदान करने से साधकों को सभी पापों से छुटकारा मिलता है और जीवन में खुशियों का आगमन होता है।

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    धार्मिक मान्यता के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था। ऐसे में देवताओं ने महादेव की पूजा की थी। इसलिए कार्तिक पूर्णिमा के दिन शिव जी की पूजा-अर्चना करने का विधान है। ऐसे में आइए जानते हैं कार्तिक पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में।

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    (Image Source: AI-Generated) 

    कार्तिक पूर्णिमा 2025 डेट और शुभ मुहूर्त (Kartik Purnima 2025 Date and Shubh muhurat)


    वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा की शुरुआत 04 नवंबर को देर रात 10 बजकर 36 मिनट पर हो गई है। वहीं, इस तिथि का समापन 05 नवंबर को शाम 06 बजकर 48 मिनट पर होगा। ऐसे में आज यानी 05 नवंबर (Kab Hai Kartik Purnima 2025) को कार्तिक पूर्णिमा का पर्व मनाया जा रहा है।

    ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 46 मिनट से 05 बजकर 37 मिनट तक
    विजय मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 56 मिनट से 02 बजकर 41 मिनट तक
    गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 40 मिनट से 06 बजकर 05 मिनट तक

    कार्तिक पूर्णिमा 2025 स्नान टाइम (Kartik Purnima 2025 Ganga snan Time)

    कार्तिक पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान और दान करना शुभ माना जाता है। ऐसे में सुबह 04 बजकर 46 मिनट से 05 बजकर 37 मिनट तक स्नान और दान किया जा सकता है। 

    कार्तिक पूर्णिमा पूजा विधि (Kartik Purnima Puja Vidhi in Hindi)

    • सुबह जल्दी उठकर पवित्र नदी में स्नान करें और सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करें।
    • अगर पवित्र नदी में स्नान करना संभव नहीं है, तो घर पर पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
    • इसके बाद मंदिर की साफ-सफाई करें और चौकी पर भगवान विष्णु और भगवान शिव की प्रतिमा को विराजमान करें।
    • अब तिलक और फूलमाला अर्पित करें।
    • इसके बाद देसी घी का दीपक जलाकर आरती करें।
    • प्रभु से जीवन में खुशियों के आगमन के लिए प्रार्थना करें।
    • इस दिन शिवलिंग का विशेष चीजों के द्वारा अभिषेक करना शुभ माना जाता है।
    • फल, मिठाई, हलवा और पंचामृत का भोग लगाएं। आखिरी में लोगों में प्रसाद का वितरण करें।

    यह भी पढ़ें- Kartik Purnima 2025: इन दिव्य मंत्रों के जप से करें भगवान विष्णु को प्रसन्न, पूरी होगी मनचाही मुराद

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।