Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    केवल विघ्न हरने के कारण ही नहीं, बल्कि इसलिए भी भगवान गणेश कहलाते हैं विघ्नहर्ता

    Updated: Tue, 09 Sep 2025 12:55 PM (IST)

    गणेश जी सभी बाधाओं परेशानियों और संकटों को दूर करने वाले देवता हैं इस कारण से उन्हें विघ्नहर्ता भी कहा जाता है। लेकिन केवल इसी कारण से गणपति विघ्नहर्ता नहीं कहलाते बल्कि इसके पीछे एक पौराणिक कथा भी मिलती है। इस कथा का वर्णन ब्रह्माण पुराण और त्रिपुरा रहस्यम में मिलता है। चलिए जानते हैं इस विषय में।

    Hero Image
    Lord Ganesh story in hindi विघ्नहर्ता गणेश की कथा।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में किसी भी पूजा-पाठ या धार्मिक कार्य में सबसे पहले गणेश जी को याद किया जाता है, इसलिए वह प्रथम पूज्य देव भी कहलाते हैं। इसके साथ ही गणेश जी को गजानन, एकदंत, लम्बोदर, विनायक, गणपति और विघ्नहर्ता आदि नामों से भी जाना जाता है। हर नाम के पीछे एक खास वजह भी मिलती है। आज हम आपको गणपति जी के विघ्नहर्ता नाम से जुड़ी एक कथा बताने जा रहे हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    क्या है पौराणिक कथा?

    त्रिपुरा रहस्य ग्रंथ में वर्णिक 'त्रिपुरासुर के संहार' की कथा के दौरान गणेश जी का वर्णन भी आता है। कथा के अनुसार, कामदेव की राख से भंडासुर नामक राक्षस की उत्पत्ति हुई, जो एक एक शक्तिशाली राक्षस था। इस राक्षस को हराने के लिए देवी ललिता त्रिपुरसुंदरी ने शक्ति सेना को उत्पन्न किया। तब भंडासुर की सेना के एक दैत्य ने विघ्न यंत्र की रचना की।

    (Picture Credit: Freepik) (AI Image)

    यंत्र की खासियत

    इस यंत्र को जहां भी स्थापित किया जाता था, वह के आसपास के लोगों की शक्तियां कम होने लगती थीं। दैत्य ने उस यंत्र को शक्ति सेना के बीच रख दिया, जिससे देवी ललिता त्रिपुरसुंदरी की शक्ति सेना अपनी पूरी शक्ति से युद्ध नहीं कर पा रही थी। तब माता ने गणेश जी को प्रकट करती हैं, जो विघ्न यंत्र को खंडित करने का काम करते हैं। इस कारण से गणेश जी को विघ्नहर्ता कहा जाता है।

    इसलिए कहा जाता है विघ्नराज

    गणेश जी को विघ्नराज भी कहा जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार, माता पार्वती की हंसी से ‘मम’ नामक एक असुर पैदा हुआ। उसने तप और दैत्य शक्तियों के बल पर ममासुर ने देवताओं को कैद करना शुरू कर दिया। सभी देवताओं ने परेशान होकर गणेश जी से सहायता की मांग की। गणेश जी ने देवताओं की विनती स्वीकार की और गणेश जी विघ्नराज रूप में प्रकट हुए। उन्होनें ममासुर को युद्ध में हराकर सभी देवताओं को मुक्त करवाया। तभी से गणेश जी विघ्नहर्ता कहलाने लगे।

    यह भी पढ़ें -  Sankashti Chaturthi 2025: 10 या 11 सितंबर, कब है विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी? यहां देखें सही तिथि और शुभ योग

    यह भी पढ़ें - Bajrang Baan: बजरंग बाण का पाठ दिलाएगा हर संकट से छुटकारा, बरसेगी हनुमान जी की कृपा

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।