Maha Kumbh 2025: नहीं जा पा रहे महाकुंभ, तो घर पर ही इस तरह प्राप्त करें गंगा स्नान का लाभ
प्रयागराज में महाकुंभ (Maha kumbh 2025) का आयोजन हो रहा है जिसकी शुरुआत 13 जनवरी 2025 से हुई थी। भक्तों की बड़ी संख्या गंगा स्नान का लाभ उठा रही है। ऐसे में यदि आपके लिए महाकुंभ में स्नान करना संभव नहीं हो पा रहा है तो इसके लिए आप घर पर ही कुछ उपाय कर शुभ फलों की प्राप्ति कर सकते हैं। तो चलिए जानते हैं वह उपाय।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। गंगा नदी में स्नान करने का महत्व तो माना ही गया है, लेकिन महाकुंभ (kumbh mela 2025) के दौरान इसकी मान्यता और भी बढ़ जाती है। 144 साल में लगने के कारण महाकुंभ अपने आप में एक विशेष महत्व रखता है। माना जाता है कि महाकुंभ के दौरान गंगा में स्नान करने से साधक के सभी पाप दूर होते हैं और मृत्यु के बाद वह जन्म-मरण के चक्र से मुक्त हो मोक्ष को प्राप्त करता है।
जरूर करें ये काम
आप घर पर ही गंगा स्नान का पुण्य प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए ब्रह्म मुहूर्त, जो सूर्योदय से लगभग 1 घंटा 36 मिनट पहले का समय होता है, में स्नान करना चाहिए। इसके लिए सबसे पहले पानी में गंगाजल मिलाएं और मन में गंगा मैया का स्मरण करते हुए स्नान करें। स्नान के दौरान हर हर गंगे का जप करते रहें।
इसी के साथ आप अपने घर के आसपास किसी पवित्र नदी में भी स्नान कर सकते हैं। स्नान के दौरान आप इस मंत्र का जप कर सकते हैं, जिसका अर्थ है ‘हे नर्मदा, सिंधु और कावेरी; कृपया आप इस जल में उपस्थित हो और इस जल को पवित्र बनाएं।’ मंत्र इस प्रकार है -
‘गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती। नर्मदे सिन्धु कावेरि जलेऽस्मिन् सन्निधिं कुरु॥’
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मिलेगी असीम कृपा
उपरोक्त विधि से स्नान करने के बाद पवित्र ग्रंथों जैसे भगवद गीता, रामायण, शिव पुराण आदि का पाठ करें या सुनें। इसी के साथ आप शाही स्नान की तिथियों पर आप घर पर ही पूरे दिन का व्रत रख सकते हैं। इससे भी साधक को जीवन में अच्छे परिणाम मिलते हैं।
करें इन चीजों का दान
महाकुंभ में दान करने से भी साधक को शुभ फलों की प्राप्ति होती है। ऐसे में आप घर पर ही गरीबों और जरूरतमंद लोगों को स्नान के बाद भोजन, कपड़े धन और अन्य जरूरी चीजें दान कर सकते हैं।
(Picture Credit: Freepik) (AI Image)
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ध्यान रखें ये बातें
इस बात का खासतौर से ध्यान रखें कि अमृत स्नान का पुण्य प्राप्त करने के लिए नहाते समय साबुन, डिटर्जेंट और शैम्पू का इस्तेमाल न करें। इसी के साथ पवित्र स्नान करने के बाद प्याज, लहसुन और तामसिक भोजन से दूरी बनाएं। इसके अलावा, शारीर के साथ-साथ अपने विचारों को भी शुद्ध रखें।
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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